विश्व में ज्ञान विज्ञान, सभ्यता का अग्रणी देश भारत ही था। पर हमें बचपन से यह रटवाया गया, कि हम पिछड़े हुए थे। इसी तरह हमें यह विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों AM और PM का मतलब होता है :

AM : एंटी मेरिडियन (ante meridian)
PM : पोस्ट मेरिडियन (post meridian)

एंटी यानि पहले, लेकिन किसके?
पोस्ट यानि बाद में, लेकिन किसके?
यह कभी साफ नहीं किया गया, क्योंकि यह चुराये गये शब्द का लघुतम रूप था।

हमारी प्राचीन संस्कृत भाषा ने इस संशय को अपनी आंधियों में उड़ा दिया और अब, सब कुछ साफ-साफ दृष्टिगत है।

कैसे?
देखिये…

AM = आरोहनम् मार्तण्डस्य Aarohanam Martandasya

PM = पतनम् मार्तण्डस्य Patanam Martandasya

सूर्य, जो कि हर आकाशीय गणना का मूल है, उसीको गौण कर दिया। अंग्रेजी के ये शब्द संस्कृत के उस ‘मतलब’ को नहीं इंगित करते जो कि वास्तव में है।

आरोहणम् मार्तण्डस्य Arohanam Martandasaya यानि सूर्य का आरोहण (चढ़ाव)।
पतनम् मार्तण्डस्य Patanam Martandasaya यानि सूर्य का ढलाव।

दिन के बारह बजे के पहले सूर्य चढ़ता रहता है – ‘आरोहनम मार्तण्डस्य’ (AM)।
बारह के बाद सूर्य का अवसान/ ढलाव होता है – ‘पतनम मार्तण्डस्य’ (PM)।

पश्चिम के प्रभाव में रमे हुए और पश्चिमी शिक्षा पाए कुछ लोगों को मुगालता हुआ कि समस्त वैज्ञानिकता पश्चिम जगत की देन है। वास्तव में कालगणना में हिंदुओं की सटीकता की बराबरी करने की क्षमता किसी प्रजाति में नही है।

आगामी आलेख काल गणना सम्बन्धी अन्य जानकारी लेकर उपस्थित हो सकूंगा यदि आपको ये बात समंझ आ जाये….

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आपका अपना मनमोहन पुरोहित मनुमहाराज

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