प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2002 से जिस तरह से तमाम वामपंथी कांग्रेसी गैंग ने मिलकर एजेंडा चलाया था वैसा ही एजेंडा अब उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चलाया जा रहा है। 2002 के बाद से नरेंद्र मोदी के खिलाफ व्यापक तौर पर नफरत ही एजेंडा चलाया गया और उसके बदले देश की जनता में नरेंद्र मोदी के प्रति हमदर्दी पैदा हुई और आज उसी के बलबूते वे प्रधानमंत्री हैं।

उस समय नरेंद्र मोदी के खिलाफ इंडिया टुडे मैगजीन ने ‘हीरो ऑफ हेटर्ड’ के नाम से एक विशेष अंक छापा था जिसके बाद उसमें भी इनआकी चारों तरफ आलोचना हुई थी। ठीक उसी तर्ज पर योगी आदित्यनाथ के खिलाफ The Carvan पत्रिका ने ‘आतंक का शासन’ नाम से अंक निकाला है जिसको लेकर चारों तरह चर्चा है।

आखिर आदित्यनाथ की सरकार को आतंक का शासन कहना कहां तक उचित है लोकतंत्र की चुनी हुई सरकार है जिसे जनता ने चुना है यानी कि आप प्रदेश की जनता की बुद्धिमता को आतंक से जोड़ रहे हैं और उस जनादेश का अपमान कर रहे हैं जो उन्हें 2017 में मिला था। कम्युनिस्ट गैंग के नफरती एजेंडे बता रहे हैं कि इतिहास खुद को दोहरा रहा है..2002 से 2014 तक जो नफरत का माहौल नरेंद्र मोदी के खिलाफ बनाया गया था अब वही माहौल योगी जी के खिलाफ बनाया जा रहा है…तो ये मानकर चला जाए कि भविष्य में योगी आदित्यनाथ के प्रधानमंत्री बनने का पथ भी प्रशस्त हो रहा है।

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