कांग्रेस शासित राजस्थान में लड़कियों के साथ रेप और छेड़खानी के मामलों में जिस तरह से इजाफा हुआ है वो अपने आप में राजस्थान सरकार के लिए बेहद ही शर्मनाक है. लेकिन अब इसी फेहरिस्त में झारखंड का नाम भी शामिल होने जा रहा है, क्योंकि झारखंड में भी मासूम बच्चियों और युवतियों के साथ रेप, छेड़छाड़ और फिर हत्या कर देना आम बात हो गई है.

10 मार्च को जब पांच राज्यों में वोटों की गिनती हो रही थी तब झारखंड में एक बेटी अपनी अंतिम सांसे गिन रही थी. रामगढ़ जिले के बरलंगा थाना क्षेत्र में 10 मार्च की शाम को 19 साल की एक युवती के साथ पहले तो कुछ युवकों ने गैंगरेप किया फिर बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस घटना को खुदकुशी की शक्ल देने के लिए लड़की के ही दुपट्टे से उसे फांसी लगाकर लटका दिया गया और कमरे का ताला बंद कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक युवती 10 मार्च की देर शाम अपने घर से बाहर पानी लेने गई थी। इसी दौरान टेंट हाउस चलाने वाले पड़ोस के एक युवक संतोष कुमार महतो ने उसे जबरन खींचा और बगल के टेंट हाउस में ले गया, जहां उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर युवती का सामूहिक बलात्कार कर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इस पूरे घटना का खुलासा एक बच्चे ने किया। उस बच्चे ने फिर लड़की के परिजनों ने युवती के बारे में जानकारी दी .

वहीं ठीक इससे एक दिन पहले यानि 9 मार्च को बोकारो जिले के पेटरवार थाना क्षेत्र में 4 मुस्लिम लड़कों ने 16 साल की नाबालिग बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और इसके बाद उसे बेहोशी की हालत में सड़क किनारे फेंक गए, लेकिन उसी समय वहां मौजूद गांव वालों ने उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल बच्ची ICU में भर्ती है . नाबालिग युवती की मां का आरोप है कि पुलिस जानबूझकर अपराधियों को बचा रही है. इसमें आरोपी युवकों में मस्जिद टोला निवासी मोहम्मद इरफान, सदमा कला निवासी इरफान, सलमान और एक अन्य शामिल है। इसमें से दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है . इस मामले को हजारीबाग के बीजेपी विधायक मनीष जयसवाल और गोमिया से आजसू विधायक लंबोदर महतो ने झारखंड विधानसभा में उठाया है। इन लोगों ने सोरेन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि खुलेआम एक हिंदू युवती का बलात्कार होता है और सरकार से लेकर प्रशासन तक सब अपराधियों को ही बचाने की कोशिश करते हैं।

साभार- प्रभात खबर

झारखंड में सोरेन सरकार के राज में हिंदुओं को किस तरह से निशाना बनाया जा रहा है इसकी बानगी हमें रुपेश पांडे की हत्या के बाद दिख चुकी है. बावजूद सरकार काफी समय के बाद गहरी नींद से जागी लेकिन इस बीच उन लोगों को भी थोड़ा याद कर लीजिए जिन्होंने हाथरस जाने के लिए किस तरह से हंगामा मचाया था . राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल और यहां तक कि ममता बनर्जी जैसे लोगों ने हाथरस मामले में किस तरह घटिया राजनीति की थी इसे सबने देखा था. तो फिर आज ये सभी कहां है जब झारखंड में बेटियों के साथ हर दिन अन्याय हो रहा है तब किसी के मुंह से ना तो एक शब्द निकला ना ही किसी के आने की दूर-दूर तक कोई खबर है . हां अगर ठीक ऐसी ही घटना किसी बीजेपी शासित प्रदेश में होती तो मिनटों में ये सभी आपको सड़क पर दिखते. वो भी अपनी सेकुलर मीडिया के साथ . अब यहां के मामले में तो इन लोगों के मुंह में फेवीकॉल चिपक गया है क्योंकि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन इनके कितने खास हैं ये बताने की जरुरत नहीं है .

आखिर में इन सभी लोगों को इतना समझने की जरुरत तो जरुर है कि बेटियां चाहे किसी प्रदेश की हो. यूपी की हो, राजस्थान की हो या फिर झारखंड की. उसके साथ बुरा होने पर न्याय के लिए आवाज उठाइए, न कि बेटियों की इज्जत पर अपनी राजनीति चमकाइये.

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