असम में बाढ़ की वजह से हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। इस समय असम के कई इलाके बाढ़ की भीषण तबाही से जूझ रहे हैं। लाखों लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। राज्य सरकार, केंद्र सरकार, सेना और अन्य एजेंसी लोगों के रेस्कयू में लगी हुई हैं.

हम सभी अब तक यही जानते और पढते आएं है कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि सिलचर में आई बाढ़ प्राकृतिक आपदा नहीं है? बल्कि यह सिलचर के लोगों को डुबाने की एक बहुत बड़े साजिश का हिस्सा थीं जिसके तहत हिंदु आबादी को निशाना बनाने का षडयंत्र रचा गया था. दरअसल सिलचर के कछार जिले में बराक नदी पर बांध टूटने की वजह से वहां बाढ़ आई है। लेकिन ये बांध टूटा नहीं था। बल्कि एक षड्यंत्र के तहत इसे काटा गया था। असम पुलिस ने इस पूरे मामले में बड़ा खुलासा कर अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मुख्य आरोपी काबुल खान के साथ मिठू हुसैन लश्कर, नजीर हुसैन लश्कर और रिपन खान शामिल है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने दावा किया कि इस साजिश में छह लोगों ने मिलकर बांध तोड़ने का षडयंत्र रचा था।

साभार-सोशल मीडिया

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बेतुकांदी बांध को षड्यंत्र के तहत काटा गया है। बांध टूटने के कारण बराक नदी का पानी तेजी से सिलचर में घुस गया और पूरा इलाका देखते ही देखते पानी में डूब गया। इस बाढ़ की वजह से सिलचर की बड़ी आबादी बेघर हो गई। आपको बता दें कुछ दिनों पहले ही असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बाढ़ को एक मानव निर्मित आपदा बताया था, और उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने का आदेश भी दिये थे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री बाढ़ पीड़ित इलाकों के दौरे पर थे, जहां उन्हें एक वीडियो दिखाया गया था। खबरों के मुताबिक आरोपी काबुल खान ने यह वीडियो नियमों का उल्लंघन करते हुए फिल्माया था। इस वीडियो में कुछ लोग तटबंध से छेड़छाड़ करते हुए दिख रहे थे।

बता दें आपको बाढ़ की वजह से 1,618 गांव अस्त-व्यस्त हैं जिसमें लगभग 7 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। ASDMA के मुताबिक 2.78 लाख लोगों के लिए 413 राहत शिविर बनाई गई है. वहीं सिलचर में स्थानीय अधिकारियों ने बराक नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण वहां रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने की चेतावनी दी है। आपको बता दें रविवार को नदी का बहाव 19.83 मीटर के खतरे के स्तर से थोड़ा ऊपर था।

जनसंख्या के हिसाब से देखें तो सिलचर एक हिंदू बहुल शहर है। 2011 जनगणना के अनुसार यहां की 86.31 प्रतिशत आबादी हिंदू और 12.71 फीसदी आबादी मुस्लिम है। इसलिए इस षडयंत्र के जरिये हिंदुओं को निशाना बनाने की कोशिश की गई. बांध को काटकर एक पूरे षड्यंत्र के तहत एक हिंदू इलाके को बाढ़ में डुबाने की असफल कोशिश की गई …

आज देश भर में कट्टरपंथी मानसिकता वाले लोग हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं लेकिन पहले से ही बाढ़ की त्रासदी झेल रही असम की जनता के लिए ये दोहरी मार है. इस सबके बीच बड़ा सवाल ये कि कब तक हिन्दुओं को ही सारा नुकसान उठाना पड़ेगा ? सरकार ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया , उन्हें सजा भी मिल जाएगी . लेकिन हिन्दू कहां जाए और किस्से अपनी पीड़ा कहें ?

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