आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा का जबरदस्त तरीके से सोशल मीडिया पर बॉयकॉट किया जा रहा है. जिसे देख कर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि आमिर खान इस प्रकोप से बचने वाले नहीं हैं। शायद पहली बार ऐसा हो रहा है कि दर्शक सामने आकर खुले तौर पर ‘लाल सिंह चड्ढा’ को देखने के लिए तैयार नहीं हैं.

एक तरफ लाल सिंह चड्ढा का बॉयकॉट किया जा रहा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने आगे आकर अभिनेता आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ का समर्थन किया है. प्रियांक खड़गे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक प्रियांक खड़गे ने ट्वीट करते हुए सवाल खड़ा किया है कि ‘जब भारत सहिष्णु था: एंथोनी-अमिताभ बच्चन, राज/राहुल-शाहरुख खान, प्रेम-सलमान खान, अकबर-ऋतिक रोशन, यूसुफ खान-दिलीप कुमार होते थे. आमिर खान ने लगान, रंग दे बसंती और मंगल पांडे में देशभक्त की भूमिका निभाई थी. किसी को कोई समस्या नही हुई. और, सभी ने इस पर प्यार लुटाया. हम क्या बन गए हैं?

देखा जाए तो कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने जिस तरह से ‘लाल सिंह चड्ढा’ के समर्थन में ट्वीट किया है उससे ये साफ पता चलता है कि प्रियांक खड़गे फिल्म के विरोध के कारणों को नजरअंदाज करते हुए आमिर खान को ‘मासूम’ साबित करते नजर आ रहे हैं और उसके बहाने अपनी राजनीति साध रहे हैं. जबकि यहां मुद्दा ये है कि आमिर खान और उनकी फिल्म का विरोध बीते कुछ सालों में उनके भारत विरोधी एजेंडे और अपनी फिल्मों में हिंदु विरोधी मानसिकता को उजागर करने को लेकर हो रहा है.

सवाल ये कि अगर आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा को बायकॉट किया जा रहा है तो कुछ लोगों को डर क्यों लग रहा है? दरअसल लाल सिंह चड्ढा का विरोध आमिर खान खान के मुस्लिम होने की वजह से नहीं हो रहा है. बल्कि, इसके पीछे की वजह ये है कि आमिर खान को अपने धर्म यानी इस्लाम में किसी भी तरह की कोई खामी कोई बुराई नही दिखती लेकिन दूसरे धर्मों के मामले में वह ज्ञान की गंगा बहाने लगते हैं . सोशल मीडिया पर उनके कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें हिंदू समुदाय की परंपराओं पर कभी अपने बयानों के जरिये तो कभी अपनी फिल्मों के जरिये आमिर खान ने सवाल उठाया है . लेकिन इस्लाम में मौजूद कुप्रथाओं के बारे में आमिर खान को बोलते हुए कभी नहीं सुना गया है.

आपको याद होगा ये वहीं आमिर खान हैं जिन्हें कुछ साल पहले भारत में बढ़ती असहिष्णुता से डर लगता था. उनकी ओर से ‘सिर तन से जुदा’ जैसे नारों के साथ हो रही हत्याओं पर एक शब्द नहीं बोला जाता है. इन तमाम चीजों को देखते हुए कहा जा सकता है कि फिल्म लाल सिंह चड्ढा के बायकॉट कैंपेन से आमिर खान को डर लगना लाजिमी है !

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