‘हिन्दू अपने ही देश में असुरक्षित ?’ इस विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद का आयोजन !

नुपुर शर्मा का समर्थन करने के कारण राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक में हिन्दू विरोधी शक्तियों द्वारा हिन्दुओं के गले काटकर हत्याएं की जा रही हैं । हिन्दू और देशविरोधी जिहादी शक्तियों में युद्ध प्रारंभ हो गया है । युद्ध का बिगुल बज गया है । हिन्दू यदि ‘सेक्युलर’ बना रहा, तो वह और उसका परिवार नहीं बचेगा । हिन्दू इस भरोसे पर न रहें कि, सरकार और पुलिस उन्हें बचाएगी । हिन्दू आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण लेंगे, तो ही वे बचेंगे । हिन्दुओं को स्वयं को एवं परिवार को बचाना हो, तो प्रत्येक हिन्दू को आत्मरक्षा के लिए तैयार रहना पडेगा, ऐसा आवाहन प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ और तेलंगाना के भाजपा के विधायक श्री. टी. राजासिंह ने किया है । वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘हिन्दू अपने ही देश में असुरक्षित ?’ इस ऑनलाइन विशेष परिसंवाद में बोल रहे थे ।

इस समय ‘श्रीराम सेना’ के कर्नाटक के कार्याध्यक्ष श्री. गंगाधर कुलकर्णी ने कहा कि, कर्नाटक में प्रवीण नेट्टारू से पहले फरवरी में हर्ष की हत्या हुई थी । इसका प्रारंभ कर्नाटक के भटकल से वर्ष 1993 में हुआ है । उस समय विधायक चित्तरंजन की हत्या होने के उपरांत दंगा रोकने के लिए नौ महीनों की संचारबंदी लगाई गई थी । तब से कर्नाटक में निरंतर हिन्दुओं की हत्याएं हो रही हैं । गत पांच महीनों में कर्नाटक में 36 से अधिक हिन्दुओं की हत्या हुई है । इसके विरोध में यदि सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन एकत्रित नहीं हुए, तो कर्नाटक में हिन्दुओं को बाहर घुमना भी कठिन हो जाएगा ।

कर्नाटक के फिल्म वितरक और उद्योगपति श्री. प्रशांत संबरगी ने कहा कि, प्रवीण नेट्टारू ने उसकी मांस की दुकान में काम करनेवाले एक मुसलमान को 3 महीने पहले निकाल दिया था । ‘हलाल मांस’ बंद कर हिन्दू पद्धति का ‘झटका मांस’ बेचना प्रारंभ कर दिया । इसलिए उसकी हत्या हुई है । हिन्दुओं की हत्या कर हम कितने शक्तिशाली है, यह दिखाने का ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ का (PFI) प्रयत्न है । पी.एफ.आई. भारत की ‘अल कायदा’ है । उस पर तत्काल कार्यवाही नहीं की गई, तो आगे चलकर और बडा राक्षस बन सकता है ।

हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य प्रवक्ता श्री. मोहन गौडा ने कहा कि, कर्नाटक में पहले 23 हिन्दुओं की हत्या में से 10 हत्याओं में पी.एफ.आई. और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) का सहभाग है, ऐसा आरोपपत्र न्यायालय में प्रविष्ट हुआ था । कांग्रेस के नेता सिद्धरमैय्या ने भी इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी । भाजपा के वर्ष 2018 के चुनावी घोषणापत्र में भी सरकार आने पर पी.एफ.आई. और कर्नाटका फोरम फॉर डिग्निटी (KFD) इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का आश्वासन दिया गया था । उसके अनुसार कर्नाटक सरकारने केंद्र सरकार से सिफारिश कर इन कट्टरतावादी संगठनों पर कार्यवाही करनी चाहिए ।

श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.