बिहार में जेडीयू-BJP गठबंधन टूट चुका है. नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया हैं. साथ ही राजद-कांग्रेस के समर्थन से नई सरकार बनाने का दावा ठोका है. मतलब एक बार फिर पल्टूराम के नाम से प्रसिद्ध हो चुके नीतीश कुमार सत्ता के लोभ में दोबारा RJD की गोद में जा बैठे हैं. मंगलवार को जो बिहार की राजनीति में हुआ उसका अंदाजा कई दिनों से लगाया जा रहा था. ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि आने वाले समय में बिहार की राजनीति में कुछ बड़ा ‘खेला’ होने वाला हैं। जिसका सारा श्रेय नीतीश कुमार उर्फ पलटू कुमार को जाता है !

बिहार में दोबारा सत्ता परिवर्तन के लिए सारी बिसात उन्हीं नीतीश कुमार की बिछायी हुई है जिन्होंने साल 2015 में भी ऐसा ही किया था. आज बिहार की सियासत में जो भूचाल आया हुआ उससे यही लगता है कि लोभ की राजनीति करते-करते नीतीश कुमार इतने स्वार्थी हो गये कि एक बार फिर बिहार को उसी जंगलराज की तरफ धकेल दिया जिससे मुक्ति दिलाने के नाम पर वो बिहार की सत्ता में आए थे . अगर सियासी जोड़-घटाव की बात करें तो बिहार विधानसभा में जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी है चूंकि अब नीतीश कुमार एनडीए से नाता तोड़ आरजेडी+कांग्रेस के साथ गलबहिया करने जा रहे हैं तो इनके बीच डील भी जबरदस्त हुई हैं

नीतीश कुमार का NDA से नाता टूटने के साथ ही नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के सीएम की कुर्सी पर बैठे रहेंगे . यानि 2025 के विधानसभा चुनाव कर राज्य की कमान उन्हीं के हाथों में रहेगी। लेकिन हां अंदरखाने से जो खबरें सामने आ रही है उसके मुताबिक सीएम की कुर्सी पर भले ही नीतीश बाबू बैठेंगे लेकिन सभी अहम मंत्रालय लालू के होनहार बेटे तेजस्वी के और आरजेडी-कांग्रेस के पास रहेंगे।

वहीं सियासी गलियारों में ये चर्चा भी गर्म है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार दिल्ली की राजनीति की ओर कदम बढ़ाकर राष्ट्रीय राजनीति के अपने सपनों के पूरा करने की कोशिश करेंगे. इसका इशारा जेडीयू के संसदीय बोर्ड के सदस्य उपेंद्र कुशवाहा ने एक बयान के दौरान दे दिया जिसमें उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम बनने की योग्यता रखते हैं.

आपको याद दिला दें कि नीतीश कुमार ने 2020 की चुनावी रैलियों में विक्टिम कार्ड खेलते हुए कहा था कि ये उनका आखिरी चुनाव है, लेकिन यहां तो कुर्सी का ऐसा मोह नीतीश चचा पर सवार है कि वे अपनी ही कही बातों से हर बार मुकर रहे हैं और पल्टूराम होने का प्रमाण दे रहे हैं. लेकिन इस तमाम सियासी हलचलों के बीच जहां जेडीयू का सूरज अस्त होने की कगार पर है तो वहीं आरजेडी ने जबरदस्त कमबैक किया है। इस बात को अनदेखा नहीं किया जा सकता है कि तेजस्वी यादव ने बिहार की राजनीति में अपना कद कई गुना बढ़ा लिया है !

वहीं नीतीश कुमार ने अपना आखिरी सियासी दांव खेल लिया है और अब बीजेपी की राजनीति शुरू होगी। मतलब साफ है आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति बीजेपी Vs आरजेडी होने वाली है। वैसे आज जिस तरह से #पलटुराम ट्रेंड कर रहा है वो नाम नीतीश जी को तेजस्वी यादव ने ही दिया है।

ओह…ये राजनीति भी बड़ी अजीब है कब क्या करा बैठे कह पाना मुश्किल है !

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