कोरोना वायरस की वजह से मची तबाही तो सबने देखी थी और कोरोना महामारी पर कैसे मीडिया ने शोर मचाया था वो भी याद है. लेकिन एक बार फिर एक खतरनाक वायरस आफत बनकर सामने आया है. लेकिन विडंबना देखिए इस वायरस को लेकर कोई शोर नहीं मचा रहा है ना ही विपक्षी दल ना ही हमारी ब्रेकिंग न्यूज वाले चैनल्स! क्योंकि इस बार बेजुबान पशु गाय की मौत हो रही है. एक और दुर्भाग्य देखिए जब इस समय गौ वंश पर इतनी बड़ी आपदा आई है तो ऐसे में पेटा जैसी संस्थाएं भी सामने नहीं आ रही हैं।

हालांकि देश के 12 राज्यों में इन दिनों लंपी वायरस नाम की बीमारी पशुओं को निगल रही है. लेकिन राजस्थान में इसका कहर सबसे ज्यादा है. अकेले राजस्थान में सिर्फ 57 हजार गायों की जान जा चुकी है. लेकिन जिस राजस्थान में लम्पी वायरस का प्रकोप सबसे ज्यादा है, उस राज्य का मुख्यमंत्री कैसे इतना संवेदनहीन हो सकता है. इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश में गौशालाओं को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को घेरने वाली कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी लम्पी वायरस पर एक शब्द बोलने को तैयार नहीं हैं.

दरअसल अशोक गहलोत इससे ज्यादा बड़े काम में जो व्यस्त हैं. भला राहुल गांधी के साथ यात्रा करने से बड़ा काम कुछ और हो सकता है. कांग्रेस की डूबती नैया को पार लगाने के लिए पार्टी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कर रही है जिसका नेतृत्व उनके तारणहार, कांग्रेस के चश्मोचिराग श्री श्री राहुल गांधी कर रहे हैं. भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक अजमेर, श्री गंगानगर, बीकानेर, जोधपुर, सीकर, चुरू, बाड़मेर और नागौर डेयरी में दूध का आना कम हो गया है तो वही जयपुर समेत 6 डेयरी में घी का उत्पादन या तो बंद हो गया है या फिर बहुत कम!

लेकिन इस बीच पशुओं के लिए कथित रूप से काम करने वाली, उनके लिए आवाज उठाने वाली संस्था PETA का मौन रहना और इस विषय में कोई भी अभियान न चलाना अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है. विडंबना देखिए ये वही पेटा है जो रक्षाबंधन पर गाय का प्रेम दिखाते हुए यह विज्ञापन चलाती है कि राखी कैसी बांधनी चाहिए। यह वही पेटा है जो डेयरी उद्योग में कथित शोषण के लिए बार बार पौधों से निकलने वाले पेय को दूध के विकल्प के रूप में इस्तेमाल करने का अभियान चलाती है और उसका यह कहना है कि भारतीय डेयरी उद्योग में गायों का शोषण होता है, इसलिए उनका दूध नहीं लेना चाहिए। फिर इतनी बड़ी महामारी में, उसकी ओर से एक शब्द गायों की हो रही मौत पर नहीं निकल रहा है.

गौ माता तड़प तड़प कर मर रही हैं। सड़कों पर गायों की लाशों का अंबार लगा हुआ है. गौ माता इस तरह से कराह रही है जो आपको रुला कर रख देगी. लेकिन मजाल है जो अशोक गहलोत पर उनके आंसुओं का कोई असर हो.  वो तो राहुल गांधी को खुश करने के रास्ते तलाश रहे हैं. यह जानते हुए कि गौ माता का हिन्दुओं के आर्थिक और धार्मिक जीवन में कितना बड़ा महत्व है बावजूद उसके सरकार का रवैया इतना निंदनीय है जिसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है .

वहीं इस पूरे मामले पर बीजेपी ने सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके लिए अभी राहुल गांधी के साथ ड्रामे में शामिल होना ज्यादा जरुरी है न कि गौ माता की इस वायरस से रक्षा करना.

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