कुछ ही दिनों में हिंदुओं का त्योहार दीपावली आने वाला है. दिवाली के दिन हर गली हर सड़क दीये की रोशनी, लाइटों की जगमगाहट से जगमगा उठता है. लेकिन कांग्रेस शासित राजस्थान में शायद इस बार दिवाली के मौके पर अंधकार ही छाया रहेगा. क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में बिजली भी मजहबी हो गई है जिसका खामियाजा हिंदुओं को ही भुगतना पड़ेगा. इस बार राजस्थान के लोगों की दिवाली ‘काली’ होने की आशंका जतायी जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में इन दिनों भारी बिजली संकट मंडरा रहा है.

दरअसल प्रदेश में लगातार कटौती और बिजली बनाने वाली यूनिट्स के बंद होने से इसकी आशंका अधिक हो गई है। एक्सपर्ट के मुताबिक कोयले की किल्लत इस पूरे संकट की जड़ में है। इस कारण राजस्थान के चार बिजली घरों की 11 यूनिट्स बंद हो चुकी हैं। इनमें सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट की 4, कोटा थर्मल पावर प्लांट की 3, राजवेस्ट की 2, छबड़ा थर्मल पावर प्लांट की 1 और रामगढ़ की 1 यूनिट शामिल है। इनसे पैदा होने वाली 2400 मेगावाट कैपिसिटी बिजली का प्रोडक्शन रुक गया है। विभागीय अधिकारियों को इस परेशानी के लिए जिम्मेदारी माना जा रहा है। क्योंकि उनकी लापरवाही की वजह से राजस्थान में अब केवल चार दिन का कोयला बचा है। ऐसा माना जा रहा है कि विभागीय अधिकारियों और सरकार की लापरवाही के कारण इस तरह की गंभीर समस्या आ खड़ी है। राजस्थान में अब केवल 4-5 दिनों का कोयला ही बचा हुआ है। राजस्थान पर इतनी बड़ी संकट सामने खड़ी है लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इसकी कोई चिंता नहीं है वो हाथ पर हाथ धरे बैठे है।

वहीं केंद्र की गाइडलाइंस के मुताबिक हर राज्य को 26 दिन का कोयला स्टॉक रखना आवश्यकता होता है, जबकि राजस्थान के थर्मल बिजली घरों में औसत चार दिन का ही कोयला स्टॉक बचा हुआ है। राजस्थान के बिजली घरों में कोयले की कमी एक साल से बनी हुई है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि प्रदेश में लगभग एक करोड़ 47 लाख बिजली उपभोक्ता मौजूद है, जो इस समय बिजली कटौती से तंग आ चुके है।

लेकिन सवाल ये कि आखिर कब तक गहलोत सरकार तुष्टीकरण की आड़ में हिंदुओं के साथ ज्यादती करती रहेगी? ये वही गहलोत सरकार है जिसने रमजान के मौके पर मुस्लिम बहुल इलाकों में बिना किसी रुकावट के 24 घंटे बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए थे। बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि रमजान के पूरे महीने में किसी भी मुस्लिम बहुल इलाके में बिजली कटौती नहीं होगी। तो फिर हिंदुओं के त्योहार दिवाली पर पर अशोक गहलोत को क्या हो गया है? रमजान के दौरान मुस्लिम इलाकों के लिए तो आदेश जरूर जारी कर दिया गया  था लेकिन सवाल यह है कि दिवाली में महज कुछ ही दिन बचे हैं उसके मद्देनजर क्या हिंदू इलाकों के लिए भी ऐसा ही आदेश जारी किया गया है? आखिर राजस्थान सरकार की ओर से ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है?

जिस तरह से गहलोत सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है, उससे तो ऐसा ही लग रहा है तुष्टीकरण में डूबी सरकार ने राजस्थान के लोगों की दिवाली पर अंधेरा करने की पूरी तैयारी में है!

 

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