पूरी दुनिया मे कट्टरता से कत्ल करने वाली कौम और उसके मजहब के खिलाफ माहौल बन रहा है। इसकी गुनहगार खुद उस कौम के सिपहसालार हैं जो आसमानी किताब की मनचाही व्याख्या कर इस्लाम को बदनाम करते हैं। इस दौर में हिजाब को लेकर दुनिया के कई देशों में विवाद हो रहा है।

ईरान में जहां महिलाएं इसके खिलाफ आंदोलन कर रही हैं वहीं, स्विट्जरलैंड में सार्वजनिक जगहों पर हिजाब पहनने या चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी चल रही है। नियमों का उल्लंघन करने पर 1000 फ्रैंक यानी 82 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। स्विस फेडरल काउंसिल ने संसद में एक मसौदा कानून का प्रस्ताव करने की घोषणा की है।

दरअसल स्विट्जरलैंड में कुल आबादी का 5% मुस्लिम है, जिनमें से कई तुर्की और बाल्कन राज्यों से हैं। सार्वजनिक स्थानों पर फेस कवरिंग पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को 2021 में एक जनमत संग्रह में मंजूरी दी गई थी। इससे पहले 7 मार्च 2021 को स्विट्जरलैंड ने सार्वजनिक स्थानों पर फेस कवरिंग पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर मतदान किया था। जाहिर है जो आज स्विट्जरलैंड कर रहा है उसे कल पूरा यूरोप करेगा…क्योंकि ‘सिर तन से जुदा’ मजहब के कत्ले आम से पूरी दुनिया आहत है।

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