26 /11 मुंबई हमले में शहीद हुए जवानों को आज देश याद कर रहा है और मृतकों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कर रहा है। 2008 में जब मुंबई हमला हुआ था तब उस समय इस भयानक हमले के खिलाफ देश गुस्से में था ऐसे में और उस गुस्से से ध्यान मोड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी ने एक घृणित चाल चली थी। कांग्रेस पार्टी ने अपने बड़बोले नेता दिग्विजय सिंह को आगे कर मुंबई हमले का आरोप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगवाया था। 


जब मुंबई पर पाकिस्तान से भेजे गए आतंकवादियों ने हमला कर 166 लोगों की जान ले ली थी उस समय केंद्र से लेकर प्रदेश तक में कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस ने इस हमले को लेकर पाकिस्तान को क्लीन चिट दे दी थी उस समय दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर मुंबई हमला करवाने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं एक मुस्लिम पत्रकार अजीज बर्नी से साज़िशन एक किताब लिखवाई गई थी जिसका शीर्षक था 26/11 आर एस एस की साजिश? खास बात यह थी कि इस किताब का विमोचन दिग्विजय सिंह ने किया था और पूरा देश जानता है कि दिग्विजय सिंह की सीधी पहुंच सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक है ।

दिग्विजय सिंह ने देशद्रोह की हदों को पार करते हुए सरेआम मुंबई हमले के लिए पाकिस्तान को पाक साफ बताया था और सत्ता में रहने वाली कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ कुछ नहीं किया था। 26/11 आरएसएस की साजिश? के लेखक अजीज बर्नी ने तो 1 साल बाद अपनी किताब के शीर्षक के लिए माफी भी मांगी थी माफी मांगते हुए उन्होंने कहा था कि एक भारतीय नागरिक होने के नाते विदेश नीति के तहत मैं हमेशा सरकार के फैसले का पक्षधर हूं उस समय यूपीए सरकार ने जो कहा वही मैंने लिखा अजीज बर्नी के इस बयान से स्पष्ट है कि वह किताब भले ही अजीज बर्नी की हो लेकिन इसकी पटकथा सोनिया गांधी और मनमोहन सरकार ने लिखी थी।

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