कोरोना को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में त्राहिमाम मचा हुआ है। दिल्ली में तो हालात बहुत भयावह हैं, स्वास्थ्य व्यवस्था दम तोड़ चुकी है, अस्पतालों में बेड नहीं है, ऑक्सीजन की भारी किल्लत देखि जा रही है, परन्तु कोई भी मीडिया चैनल इसको लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से सवाल नहीं कर रहा है, इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि केजरीवाल सरकार ने लगभग सभी मीडिया चैनल को करोड़ों का विज्ञापन दे रखा है, इसलिए कोई भी सवाल पूछने को तैयार नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत पटेल ने कहा कि ‘दिल्ली की उखड़ती सांसों के जिम्मेदार ये चैनल भी हैं जो केजरी के विज्ञापन पर पल रहे हैं’, पटेल ने अपने ट्वीट में लिखा, सारे मीडिया चैनल केजरीवाल के विज्ञापन में इतना बिक चुके हैं कि उससे ऑक्सीजन पर सवाल नहीं कर सकते।दिल्ली की उखड़ती सांसों के जिम्मेदार ये चैनल भी हैं जो केजरी के विज्ञापन पर पल रहे हैं पर उनमें इतनी गैरत नहीं कि लोगों की सांसों के बदले केजरीवाल के विज्ञापनों को मना कर सकें।

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, क्या इस देश में एक भी टीवी चैनल के मालिक और संपादक में इतनी रीढ़ की हड्डी नहीं बची कि केजरीवाल सरकार से पैसे लेने से मना कर दें. इतनी शर्म नहीं बची कि केजरीवाल को बोलें कि जनता के इन पैसों से ऑक्सीजन खरीदो, विज्ञापन नहीं क्या इतने गरीब है ये बड़े बड़े चैनल के अमीर मालिक?

गौरतलब है कि केजरीवाल विज्ञापन में कहते हैं कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं, स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल दुरुस्त है, अस्पतालों में बेड की कोई कमी नहीं है, हालाँकि ये सब केवल विज्ञापन वाली बाते हैं, हकीकत यह है कि दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था दम तोड़ चुकी है, अस्पतालों में बेड नहीं है, ऑक्सीजन की भारी किल्लत है

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