पूरा देश एक बार फिर कोरोना महामारी से जूझ रहा है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हर तरीके से दिन रात कोविड प्रबंधन देख रहे हैं. सूबे में बेकाबू हो रही कोरोना वायरस संक्रमण के हालात को कंट्रोल करने के लिए सीएम योगी ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने इसी महीने की शुरूआत में अधिकारियों के साथ बैठक कर कहा था कि ये सुनिश्चित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में मरीजों के लिए अस्पताल के बेड की कमी नहीं हो, उन्हें अस्पतालों में हर सुविधा मिले.

उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि किसी भी हालत में कोविड रिपोर्ट देने में देरी नहीं होनी चाहिए. इस दौरान जरूरत पड़ने पर प्राइवेट लैब से मदद ले. सीएम ने प्रदेश में RT-PCR टेस्ट की क्षमता 70 फीसदी तक बढ़ाने का निर्देश दिया था. लेकिन इस निर्देश के बावजूद सूबे के अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं .

दरअसल रायबरेली के एडीएम एफआर की एक चिट्ठी ने सूबे के अधिकारियों की साख पर सवाल खड़ा किया है .. एडीएम ने पत्रकारों को चिट्ठी लिखकर खुद के साथ इंसाफ न होने की गुहार लगाई है. इस चिट्ठी से साफ पता चल रहा है कि सूबे के अधिकारी किस हद तक लापरवाह है, सोचिए जरा जिले के इतने बड़े अधिकारी को जब समुचित इलाज नही मिल पा रहा है तो भला आम आदमी की क्या औकात ?

जहां एक तरफ सीएम योगी 18-18 घंटे खुद कोरोना पॉज़िटिव होने के बावजूद दिन रात बैठकें कर महामारी से निपटने के उपाय में लगे हैं वहीं इधर इनके अधिकारी हालात की गंभीरता को समझने को तैयार नहीं हैं। दरअसल एडीएम एफआर प्रेम प्रकाश उपाध्याय को जब कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो उन्होंने इलाज न मिलने का पूरा दुखड़ा एक पन्ने पर लिख डाला और उसे सार्वजनिक WHATSAPP ग्रुप में डाल दिया।यहां से स्थानीय पत्रकारों ने उसे अपने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया. उन्होंने चिट्ठी में आरोप लगाया है कि कोरोना के लक्षण होने पर उन्होंने सीएमओ से जांच कराए जाने के लिए कहा था।सीएमओ ने जांच नहीं करवाई तो नायब तहसीलदार से कह कर 20 अप्रैल को जांच कराई गई लेकिन अब तक न तो रिपोर्ट दी गई और न ही सीएमओ ने मेरा हाल चाल लिया जबकि मेरा एसपीओटू लेवल गिर रहा है। वहीं पूरे मामले पर CMO का कहना है कि हमें जब जानकारी मिली तो हमने उनका तुरंत सीटी स्कैन कराया अब उनका फॉलो अप भी हो रहा है।

आपको याद होगा पिछले साल जब कोरोना की पहली लहर देश में आयी थी तब मुख्यमंत्री योगी ने नोएडा के गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी को काम में कोताही बरतने को लेकर फटकारा था। योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को सख्त हिदायत दी थी कि वो लॉकडाउन का पालन कराने समेत कोरोना को रोकने से संबंधित अन्य सभी जरुरी उपायों पर विशेष ध्यान दें। इसी से समझा जा सकता है कि सीएम योगी अधिकारियों की तरफ से काम में किसी भी तरह की कोताही नहीं बर्दाश्त करते हैं, हम तो यही उम्मीद करते हैं कि कोरोना की वजह से जो हालात बिगड़े हैं. उसे जल्द से जल्द सुधारा जाए ऐसा न हो कि सूबे के अधिकारी योगी जी की दिन रात की मेहनत को मिट्टी में मिला दें।

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