Once a Mugal is always a Mugal -मुग़ल लाख बुर्कों पर्दों में छिप जाएं , गंगा जमुनी तहजीब की कितनी ही केंचुलियाँ ओढ़ लें , मंदिरों मूर्तियों को बचाने वाली कितनी ही नकली सुरक्षा दीवारें बनवा लें , आखिर अंदर से मुग़ल ही रहते हैं। और ये बात वे खुद ही बार बार साबित करते हैं।

हामिद अंसारी , मुनव्वर राणा , जावेद अख्तर , ओवैसी , मुहम्मद अज़हरुद्दीन , आमिर ,शाहरुख और सलमान खान , किस किस का नाम लें और असल में तो किसी का भी नाम न लेने से ज्यादा बेहतर है कि ,देश सनातन सेना के बारे में उगला गया इनका ज़हर ही इनके चेहरे से ये नकाब और हिज़ाब दोनों ही उतार देता है।

26 नवम्बर को मुंबई पर हुए आतंकी हमले और उसमें पाकिस्तान का हाथ , पाकिस्तानी मुगलों का षड्यंत्र पूरी दुनिया के सामने एक नग्न सत्य की तरह सामने था , सैकड़ों लोगों को बेरहमी से क़त्ल करने की कायरता दिखाने वाले जाहिल मुगलों की करतूत करोड़ों लोगों ने ,हमारे कुछ जरूरत से ज्यादा चतुर और तेज़ टीवी चैनलों की बेवकूफी से टीवी तक पर लाइव देख लिया था।

तो क्या हुआ इन सबसे कुछ साबित नहीं होता है , अगर सलमान खान ने कहा कि उसके मुग़ल भाई जान नहीं थे इन सबके जिम्मेदार तो नहीं थे ,तो नहीं थे , भई , दर्जन भर आपराधिक मुकदमों और काले हिरन से लेकर सड़क पर सो रहे निर्दोष गरीबों को अपने नशे की हनक में क़त्ल कर देने वाले सलमान खान ने कहा है कि असल में मुंबई आतंकी हमला ,सुरक्षा बलों , सेना ,पुलिस की नाकामी का नतीज़ा थी तो सबको मानना ही चाहिए न।

अब आप खुद तय करिये कि इन एहसान फरामोशों की सोच कितनी ओछी और मुगलियापन से किस कदर ग्रस्त है कि जिस देश में इसने नाम पैसा सब कुछ कमाया लूटा उस देश पर हुए हमले में अपने आतंकी भाई जान लोगों को निर्दोष साबित करने के लिए देश की सेना और फ़ौज को ही नाकाबिल बता रहा है।

इसे अंदाज़ा भी नहीं है कि सरहद पर माइनस 50 डिग्री में कलेजे में हिन्दुस्तान की मशाल जलाए एक फौजी के जूते की नोंक के बराबर भी हिम्मत नहीं हैं इनमें और ये पावडर ,चरस से नकली बॉडी बिल्डर बने जाहिल मुग़ल वक्त बेवक्त जहर उगलते रहते हैं। लानत भेजिए इन पर और बहिष्कार करिये इनका पूरी तरह से।

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