दिलजीत कोई कलाकार नहीं बल्कि नशेड़ियों का हिमायती महज कबूतरबाज…!!

दो दिन से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना राणावत और खालिस्तानी समर्थक दिलजीत के बीच काफी गहमा गहमी हो रही है जागरुक लोग दो धड़ों में नजर आ रहे है एक समूह राष्ट्रवादी कंगना राणावत के पक्ष में तो दूसरा धड़ा दिलजीत के साथ नजर आ रहा है आजकल जब ऐसे मामलों पर आप गौर करेंगे तो आपको साफ-साफ पता चलेगा कि सकारात्मक सोच और राष्ट्रवादी विचारधारा के लोग किस तरफ है और नकारात्मक व्यवस्था और देशद्रोही गतिविधियों में समर्थक में शामिल होने वाले लोग किस तरह है कहीं ना कहीं इस तरह की चर्चाएं एक आम व्यक्ति को निर्णय लेने के लिए रोजगार भी साबित होती है कि उसे साफ साफ पता चल जाता है कि कौन देश का भला चाह रहा है और कौन नहीं….

असल में दिलजीत कोई कलाकार नहीं बल्कि खालिस्तानी समर्थक है और कबूतरबाज है जो केवल बॉलीवुड में उनके संपर्क में है जो केवल नशे का व्यापार करते है नशे की फैक्ट्री का ये सफेदपोश सप्लायर केवल उसी चैन को फॉलो करता है जो इसके कारोबार से जुड़े है इसी तथाकथित पत्रकार ने गत दिनों खालिस्तान के समर्थन में गाना भी गाया था जिसका विरोध खुद कांग्रेस के विधायक ने किया था अब ये महज एक मामला भटकाने के लिए सब कुछ हो रहा है जबकि असल सच्चाई कुछ और है

कारण जोहर, सलमान खान, एकता कपूर, महेश भट्ट जैसी नशे की बड़ी मछली का छोटा सा ये एक प्यादा है जिसे बोलने के लिए अपने दुबई में बैठे आकाओं से आदेश हुआ हुआ है जिसका ये महज पालन कर रहा है अब सवाल ये भी उठता है कि इसको बोलने के लिए दवाब कौन बना रहा है और इन लोगो की फंडिंग कहां से हो रही है ये एक जांच का विषय है जहां एक तरह बॉलीवुड में से ये धीरे धीरे गन्दगी निकलकर बाहर आ रही है उससे लगता है कि कंगना राणावत ने सही नब्ज पर हाथ रखा है जिसके बाद स्वारा भास्कर और दिलजीत जैसी गन्दगी बाहर आ रही है अब ये भी जांच का विषय है कि इनके संपर्क किस किस के साथ है गत दिनों में इनकी फोन पर किस किस से बात हुई है

कल कंगना राणावत ने बिल्किस बानो पर अपनी बात की और ये कबूतरबाज दिलजीत आंदोलन में गई एक दादी को बीच में ले आया और मजे की बात देखो उसका कवरेज कौन कर रहा है बीबीसी हिंदी, जो कि खुद अपने आप में वामपंथी दलों की भीख पर चल रहा है बीबीसी हिंदी ने हिंदुस्तान को बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ी, बीबीसी हिंदी की रिपोर्टिंग और उनके रिपोर्टर पहले से संदेह के घेरे में है अब ये भी सोचने वाली बात है कि बीबीसी हिंदी, दिलजीत, स्वारा भास्कर और कई ऐसी असामाजिक शक्तियों का फाइनेंसर आखिर कौन है ?

कंगना राणावत और दिलजीत वाले मामले में नकारात्मक लोगो का मकसद केवल मुद्दे से ध्यान हटाकर केवल गन्दगी करना था जिसमें वो सफल नहीं हुए क्यूंकि कंगना राणावत ने ऐसे तमाम को इनकी औकात दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, पटखनी देने में सक्षम कंगना ने जमकर लताड़ा क्योंकि दिलजीत भी बॉलीवुड की नशेड़ी फैक्ट्री का ही उत्पादन है जिसकी एक्सपायरी डेट अब नजदीक है क्यूंकि इस तथाकथित गंजेडी ने पंजाब में भी काफी गन्दगी करी है खूब युवाओं को रास्ते से भटकाया है अब इसका अंत समय आ गया है

हिन्दुत्व और राष्ट्र को बदनाम करने वालों की लिस्ट लंबी होती जा रही है फिर वो भले ही तनिष्क हो या स्वारा, अक्षय कुमार हो या एकता, अमिताभ बच्चन हो या सलमान खान, सब एक एक कर नापे जा रहे है और इनकी औकात बताने में भी जनता पीछे नहीं रही है

जया बच्चन ने गत दिनों संसद में जो थाली में छेद वाला रोना रोया वो भी इसी धारावाहिक का एपिसोड था पर आजकल जनता इस प्रोपगंडा को अच्छे से समझ रही है

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