जिस पाकिस्तान की कठपुतली बनकर कुछ सिख खालिस्तान की मांग उठा रहे हैं औऱ योगराज सिंह जैसे नशाखोर सनातन धर्म पर आरोप लगा रहे हैं उन्हें ये लेख रट लेना चाहिए। मुगल बादशाह औरंगजेब ने अपने शासनकाल में सिख गुरु तेगबहादुरजी की निर्मम हत्या करवाई थी। औरंगज़ेब ने भरे चौक पर गुरुतेग बहादुर जी का शीश कटवा दिया और आदेश दिया कि कोई इनका दाह संस्कार नहीं करेगा और यदि किसी ने दाह संस्कार किया तो उसका भी परिवार सहित यही हाल होगा। 


लेकिन धन्य हो #लखी_शाह_वंजारा जी का जिन्होंने अदम्य साहस दिखाया जोकि एक हिन्दू ही थे। उन्होंने मुगल सम्राट की नााफरमानी करते हुुुए रात में गुरुजी को अपनी झोपड़ी में ले जाकर उस झोपड़ी को ही आग लगा दी ताकि किसी को पता न चले और गुरुतेग बहादुर जी का ऐसे उन्होंने संस्कार किया। आज रकाबगंज गुरुद्वारा वहीं पर स्थित है। और ये कुछ खालिस्तानी समर्थक सिख हिंदुओं को गालियाँ दे रहें हैं उन मुग़लों के समर्थकों के साथ मिलकर और कह रहे हैं कि हिंदुओं की बहन  बेटियाँ 2-2 टके में बिकती थी। 


जाहिर है पाकिस्तान के एजेंडे में हमेशा पंजाब को कश्मीर बनाना रहा है ऐसे में खालिस्तान के कई ग्रुप रेफरेंडम 2020 पर लगातार काम कर रहे थे और अब किसान आंदोलन के बहाने पाकिस्तान-खालिस्तान की इस विषैली चाल को परवान चढ़ाया जा रहा है। इसी एजेंडे के तहत हिन्दू-सिख एकता में लगातार मतभेद पैदा किए जा रहे हैं ताकि कोई गलती हो औऱ फिर उस गलती का फायदा उठाकर सिख युवाओं को भड़काया जा सके ताकि पंजाब कश्मीर बन सके।

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