सुपरस्टार रजनीकांत की पूजा उनके फैन करते हैं मगर रजनीकांत खुद भी भगवान की घण्टों पूजा करते हैं। अपने फैन्स के दिल में राज करने वाले रजनीकांत के दिल में भगवान की भक्ति बसती है और वो मगन होकर घण्टों पूजन करते हैं। यू ही कोई रजनीकांत नहीं बन जाता जबतक उसपर भगवान की कृपा न हो और ये रजनीकांत की भक्ति का तरन्नुम ही है कि वो अपने गुरु के सानिध्य में घण्टों ध्यान करते हैं। 


यह बात कम ही लोगों को पता है कि रजनीकांत के अंदर एक परम भक्त रहता है जो अपने भगवान से संवाद करता है। रजनीकांत जब ध्यान करते हैं तो वह ध्यान में ऐसे डूबते हैं कि उस समय लाइट कैमरा एक्शन की दुनिया से एकदम विलग हो जाते हैं। रजनीकांत दक्षिण भारत में भगवान विष्णु के रूप स्वामी वरदराज के परम भक्त हैं अक्सर रजनीकांत भगवान वरदराज के चरणों में जाकर पूजा अर्चना करते हैं और भगवान वरदराज के चरणों में उनकी गहरी आस्था है। अभी हाल ही में जब भगवान वरदराज की मूर्ति को 40 वर्ष बाद तालाब से निकाला गया तो इस मौके पर रजनीकांत सपत्नी मौजूद थे और इस दौरान उन्होंने विधिवत भगवान वरदराज की पूजा अर्चना की।


2018-19 में रजनीकांत अपने परिवार के साथ बद्रीनाथ धाम गए और अपने गुरु के सानिध्य में वहां पर उन्होंने भगवान की भक्ति की। भगवान बद्रीनाथ के मंदिर जाने के दौरान रजनीकांत ने अपने चेहरे को शॉल से ढककर रखा ताकि भक्त और भगवान के बीच फैंस की भीड़ न आ जाए। भगवान बद्रीनाथ के दर्शन करने के बाद रजनीकांत ने भगवान केदारनाथ के चरणों में पूजा अर्चना की और वहां से 14 मुखी रुद्राक्ष की माला ली ताकि उनका जप जागृत और सिद्ध हो सके।


रजनीकांत शूटिंग के काम को निपटाकर विधिवत पूजन करते हैं और ऐसा कभी नहीं हुआ कि उन्होंने अपने भगवान के चरणों से रोज का राम राम न किया हो। दक्षिण भारत में अपने फैंस के दिलों पर राज करने वाले रजनीकांत स्वयं समय समय पर मन्दिर जाकर ईश्वर के दर्शन करते हैं। इसके अलावा रजनीकांत को साधु संतों की संगत में रहना पसंद है और रजनीकांत उनसे अक्सर सत्संग प्रवचन का अमृत लाभ उठाते हैं।

रजनीकांत की इसी पूजा-अर्चना के चलते राजनीति के जानकार यह मानकर चलते हैं कि दक्षिण भारत में रजनीकांत बीजेपी के लिए एक बड़ा चेहरा साबित हो सकते हैं और यही वजह है कि रजनीकांत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खासा पसंद करते हैं। इसके अलावा कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि अगर रजनीकांत अपनी राजनीतिक पार्टी बनाते हैं तो वह दक्षिण भारत में बीजेपी के साथ भी समझौता कर सकते हैं।

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