जहां एक तरफ महात्मा गांधी अपने से आधी उम्र की लड़कियों के साथ ब्रह्मचर्य के प्रयोग किया करते थे, तो वहीं दूसरी तरफ पंडित नेहरू एडविना को लेटर लिखा करते थे।ध्यान से सुनिए और पढ़िए कि लाल बहादुर शास्त्री की सादगी को सिर माथे कीजिए कि वो उस जमाने की सबसे मशहूर अभिनेत्री मीना कुमारी तक को नहीं जानते थे जबकि मीना कुमारी उस दशक की सबसे बड़ी स्टार थी जिनकी तूती पूरे देश में बोलती थी।
बात 60 के दशक की है। निर्माता-निर्देशक कमाल अमरोही ने मुंबई में अपनी फिल्म ‘पाकीजा’ के सेट पर एक पार्टी रखी। इस पार्टी में तत्कालीन गृह मंत्री लालबहादुर शास्त्री भी शामिल हुए। लेकिन वे पार्टी में पहुंचते ही असहज महसूस करने लगे। उस समय कमाल अमरोही की पत्नी और फिल्म की नायिका मीना कुमारी अपनी प्रसिद्धि के शिखर पर थीं। उन्होंने शास्त्रीजी को फूलों की माला पहनाकर उनका स्वागत किया और उनकी प्रशंसा में कुछ शब्द कहे। तब शास्त्री जी अपने साथ आए पत्रकार कुलदीप नैयर को अकेले में ले गए और उनसे पूछा कि वह महिला कौन थी?
सुनकर कुलदीप नैयर हक्के-बक्के रह गए। उन्होंने शास्त्रीजी से कहा, ‘वह मीना कुमारी थीं। देश की सबसे मशहूर फिल्म अभिनेत्री।’ इसके बाद शास्त्रीजी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, ‘मीना कुमारी जी मुझे माफ करें। मैंने आपका नाम पहली बार सुना है।’ यह स्वीकार करते हुए शास्त्री जी ने सबको हैरान कर दिया।
(किस्सा कुलदीप नैयर की किताब ‘एक जिंदगी काफी नहीं’ से साभार)
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