च्च्च्च चच बेचारे , इतनी जल्दी ये नौबत आ गई की देश के विरुद्ध , हिन्दुओं के विरूद्ध लगातार झूठ ,भ्रम और प्रोपेगेंडा फैला कर अपना धंधा चलाने वाले पोर्टल “The Wire ” को हाथ फैला फैला कर सोशल नेटवर्किग साइट्स पर इसका शटर बंद होने से बचाने के लिए पैसे मांगने पड़ रहे हैं। अब बेचारे करें भी तो क्या ,सच्चे पत्रकार लोग हैं , पत्रकारिता के जज्बे से जुड़े हुए हैं इसलिए मात्र 40 लाख प्रति माह में ही जैसे तैसे गुजारा चल जाएगा और एजेंडा भी।

वैसे लगे हाथ ये भी बता दें कि अभी कुछ समय पहले ही इन्हें अपनी इस झूठ और प्रोपेगण्डे वाली साइट से भारत के विरोध में लिखने छपने के लिए मात्र तीस लाख चाहिए थे और इधर जब कोरोना काल में बाकी सब अपने खर्चों में कटौती और किफायत कर रहे हैं तो इन्हें अपने वायर का शार्ट सर्किट रोकने के लिए दस लाख और बढ़ा कर चाहिए। इस पर एक दिलचस्प प्रतक्रिया इनको एक यूज़र ने वहीँ दी है।

असल में ये करें भी क्या बेचारे ,मजलूम ,मुफलिसी के मारे कुंठित लुंठित लोग , लाख लाख रूपए के मोबाइल और लैपटॉप से तो एजेंडा चलना पड़ता है , फिर इधर पाकिस्तान चीन तुर्की तक अपनी अपनी गुल्लक फोड़ कर अपना काम चला रहे हैं तो अब उनके पिट्ठू बन चुके इन्हें कोई दे भी कितना और कब तक दे।

रही बात देश में रहने वाले पाकिस्तानियों की तो मोदी सरकार ने एक एक कानून से इनके सारे मंसूबों और बेनामी धन वाले खजाने पर ऐसी पैलेट की मार लगाई है कि जिसका साइड इफ्फेक्ट अब तक दिख रहा है , उनमें से ही ये भी एक है। WIRE You are Fired

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