वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022 का बजट पेश कर दिया। इस बजट में उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। जिसमें खेती के सामान को सस्ता करना अहम है. इसके साथ ही साल 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित करते हुए रसायनमुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिए जाने का ऐलान पर्यावरण की दृष्टि से फायदेमंद हो सकता है इसके साथ सरकार की तरफ से किसानों को डिजिटल सुविधा भी प्रदान करना. साथ ही तिलहानों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. किसानों के खातों में 2.37 लाख करोड़ रुपये की एमएसपी सीधे ट्रांसफर की जाएगी। कृषि-वानिकी को अपनाने के इच्छुक किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान वानिकी क्षेत्र के लिए कारगर सहायता साबित हो सकती है। रबी सीजन 2021-22 में गेहूं की खरीद और खरीफ सीजन 2021-22 में धान की अनुमानित खरीद से 163 लाख किसानों से 1208 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान का कवर मिलेगा । प्राकृतिक, शून्य-बजट और जैविक खेती, आधुनिक कृषि की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्यों को कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना कृषि उपज मूल्य श्रृंखला के लिए प्रासंगिक कृषि और ग्रामीण उद्यम के लिए स्टार्टअप को वित्तपोषित करने के लिए नाबार्ड के माध्यम से निधि की सुविधा। स्टार्टअप एफपीओ का समर्थन करना और किसानों को तकनीक प्रदान करना महत्वपूर्ण पहल के रूप में फसल आकलन, भूमि रिकॉर्ड, कीटनाशकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों के छिड़काव आदि के लिए ‘किसान ड्रोन’ के उपयोग पर जोर देने की घोषणा की गई है. यह सभी पहल कृषि क्षेत्र के लिए गेम चेंजर साबित होगी. वित्त मंत्री की ओर से कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 132513.62 करोड़ रुपये आवंटित किए गए ,आम बजट 2022 ऐसे समय में पेश किया गया है, जब अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के झटके से तेजी से उबर रही है. बजट में आधारभूत और डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ पीपीपी मोड में कृषि प्रौद्योगिकियों के विकास से हम अगले 25 वर्षों में जलवायु परिवर्तन की गंभीर चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने में सक्षम होंगे. केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना के कार्यान्वयन से सिंचाई क्षमता बढ़ाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पूरी होगी. इस परियोजना पर पर कुल 44,605 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिससे 9 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई हो सकेगी. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इस प्रोजेक्ट के तहत 1,400 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. ‘स्टार्टअप को सहयोग करने की घोषणा स्वागत योग्य’ नवीनतम मशीनरी अपनाने और एफपीओ लाने के लिए स्टार्टअप को सहयोग करने की घोषणा भी स्वागत योग्य है.
फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण के लिए उत्पन्न हो रही गंभीर चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने इसे रोकने के लिए नई तकनीक अपनाने और फंड उपलब्ध कराने की घोषणा की है. भारत अपनी खाद्य तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है. 60 प्रतिशत खाद्य तेल आयात किया जाता है. इससे सरकार के खजाने पर असर पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए किसानों को तिलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया है. पिछले साल ही पाम ऑयल के लिए एक मिशन की शुरुआत हुई है.
इसके अलावा सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर उन किसानों की मदद करेगी, जो फलों और सब्जियों की उन्नत किस्म की खेती करते हैं। इसके अलावा किसानों को डिजिटल सर्विस के अंतर्गत खाद, बीज, दवाई, दस्तावेज आदि से संबंधित सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी।
कुल मिलाकर बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कई स्वागत योग्य घोषणाएं की गई हैं.
– पवन सारस्वत मुकलावा
कृषि एंव स्वंतत्र लेखक
बीकानेर ,राजस्थान
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