नेपाल से लगते कुमाऊं के ऊधमसिंह नगर, चम्पावत व पिथौरागढ़ में तेजी से डेमोग्राफिक चेंज हो रहा है। यह बदलाव अचानक का नहीं है। वर्ष 2011 में हुए जातिगत जनगणना में ही एक धर्म विशेष की आबादी में ढाई गुना वृद्धि दर्ज की गई थी। इस दौरान नेपाल में तेजी से आंतरिक हा: लात भी बदले। इस सब के बीच जनवरी 2021 में सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट में कुमाऊं के तीनों जिलों को संवेदनशील बताते हुए गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी गई।
इनमें चीन व नेपाल से सटे पिथौरागढ़ के दो कस्बों धारचूला व जौलजीवी को अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखा गया। इसी के साथ सुरक्षा एजेंसियों ने उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट जारी किया था। इसमें बहराइच, बस्ती व गोरखपुर मंडल से लगी नेपाल सीमा पर मात्र दो वर्ष के दौरान ही 400 से अधिक धार्मिक शिक्षण संस्थान और धर्मस्थल खुलने की जानकारी दी गई थी। सीमावर्ती क्षेत्र में होने वाले इस बदलाव को सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही सुरक्षा विशेषज्ञों ने भी सामान्य नहीं माना था।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ नेपाल के रास्ते उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल में सक्रिय है। जून 2000 में भी भारत-नेपाल सीमा पर तेजी से बन रहे धर्म विशेष के स्थलों से सावधान रहने की चेतावनी जारी गई थी।
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