कांग्रेस के आदेश पर उद्धव सरकार जिस तरह से अर्णब गोस्वामी के साथ तानाशाही बर्ताव कर रही है उसे देखकर कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फासिस्ट कहने वाली ताकतें खुद कितनी फासिस्ट हैं। अर्नब ने सोनिया गांधी का असली नाम एंटोनियो माइनो पुकारा इसके बदले में कांग्रेस के आदेश पर उद्धव ने उन्हें जेल भेज दिया। 


ऐसे में अब देश की जनता सवाल पूछती है कि सोनिया गांधी को एंटिनियो माइनो कहने पर अरनव को जेल हो गई तो वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरी होने के बावजूद हत्यारा , जल्लाद , मौत का सौदागर, निकम्मा, रावण,मानसिक बीमार जैसे शब्दों से क्यों संबोधित किया गया! जिन पत्रकारों ने मीडिया की अदालत में मोदी को मानवता का हत्यारा करार देकर कठघरे में खड़ा कर दिया था, वो आजतक स्वतंत्र हैं और अवार्ड वापसी गैंग के सरगना बनकर विराजमान हैं। जबकि महज अर्नब गोस्वामी ने पालघर साधुओं की निर्मम हत्या की चुप्पी पर सोनिया गांधी से उनका नाम एंटिनियो माइनो कहकर सवाल पूछा था। 


बड़ा सवाल उठता है कि देश के प्रधानमंत्री को अपशब्द कहने वाले इन लोगों पर आजतक बदले की कार्रवाई नहीं हुई, शायद यही फर्क नरेंद्र मोदी को औरों से अलग करता है। अब यहां पूछना बनता है कि सोनिया का नाम लेेनेे पर जेेेल क्यो और PM को गाली देेनेे वालो को अवार्ड क्यो?

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