वैसे तो हम भारतीयों के लिए अगस्त का महीना हमेशा से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी महीने की 15 तारीख यानि 15 अगस्त को हम स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं. 9 अगस्त को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है साथ ही 9 अगस्त का भारत के इतिहास में एक और महत्व है. इसी दिन भारत के क्रांतिकारी सपूतों ने काकोरी में ट्रेन से जा रहे अंग्रेजों के खजाने को लूटने की घटना को अंजाम दिया था. वहीं 2023 में अगस्त के महीने में देश को एक के बाद इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल हो रही है कि देश का लिबरल खेमा शोक के सागर में डूब गया है. मतलब वामपंथियों को ऐसा दर्द, इतनी पीड़ा मिली है कि शायद वे साल भर में भी उबर ना पाएं.
अब देखिए ना 23 तारीख को भारत ने असंभव को सम्भव बनाते हुए चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफलता हासिल की. लेकिन ये गौरवपूर्ण पल देश के लिबरल और लेफ्ट गैंग पचा ही नहीं पा रहा है. इतना ही नहीं इसके बाद हमारे प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने ये घोषणा कर दी कि जिस स्थान पर चंद्रयान 3 लैंड हुआ, अब वो “शिव शक्ति पॉइंट” के नाम से जाना जायेगा. वहीं 23 अगस्त को अब भारत में ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के नाम से मनाया जायेगा. इसी बीच ISRO चीफ एस सोमनाथ ने तो मानो लिबरल गिरोह को हार्ट अटैक देने का काम किया है. दरअसल चंद्रयान 3 की सफलता के बाद एस सोमनाथ तिरुवनंतपुरम स्थित भद्रकाली मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे जहां उन्होंने बताया कि मैं एक खोजकर्ता हूँ। मैं चंद्रमा के विषय में खोज करता हूँ। विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों को लेकर ही कुछ खोज करना मेरे जीवन की यात्रा का एक हिस्सा है। इसलिए मैं कई मंदिरों में जाता हूँ। कई धर्मग्रंथ पढ़ता हूँ।” जाहिर सी बात है इस बात को सुनने के बाद लिबरलों के खेमे में किस तरह से हाहाकार मचा होगा समझा जा सकता है.
देखा जाए तो लिबरल खेमे का दर्द खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा. जिस तरह से एक के बाद एक लिबरलों की सुलग रही है उसके बाद तो हमें देश में और ज्यादा बर्नोल के उत्पादन की जरुरत है। एक तो पहले से लिबरल खेमे में मातम था, रही सही कसर भारतीय गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा ने पूरी कर दी. दरअसल 27 अगस्त की रात देश ही नहीं पूरी दुनिया ने एक नए विश्व चैम्पियन को उभरते देखा. जैवलिन थ्रोवर भारतीय गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर गोल्ड मैडल जीतकर इतिहास रच दिया है. नीरज चोपड़ा की ये उपलब्धि एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि वे IAAF विश्व चैंपियनशिप में शीर्ष स्थान हासिल करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। 24 साल के नीरज ने पूरे देश को ये गर्व का पल दिया है, इस कृतज्ञता के लिए देश उन्हें सलाम करता है और गुमान करता है कि वो हमारे भारत देश का बेटा है. आपको याद दिला दें जब 7 अगस्त 2021 को सूबेदार नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर तक भाला फेंक कर भारत को ओलंपिक में दूसरा व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जिताया था बल्कि भारत को एथलेटिक्स में पहली बार ओलंपिक में पदक भी जिताया था तब पूरा देश इस स्वर्णिम अवसर का उत्सव मना रहा था, तो वहीं वामपंथी विलाप कर रहे थे. क्योंकि नीरज चोपड़ा की राष्ट्रवादी विचारधारा से लिबरलों को हजम नहीं हो पा रही थी. क्योंकि नीरज चोपड़ा ने कई बार पीएम नरेंद्र मोदी की कई योजनाओं का समर्थन भी किया है, जिसकी वजह से उन्हें उस समय भी लिबरलों ने ट्रोल किया था.
इसे हमारे देश की विडंबना ही कहेंगे कि अगर कोई राष्ट्रवादी विचारधारा से जुड़े किसी व्यक्ति का समर्थन करेगा तो उसे नीचा दिखाने के लिए वामपंथी गुट किसी भी हद तक जा सकता हैं. खैर नीरज चोपड़ा ने अपनी खेल और अपनी मेहनत के दम पर ऐसे लोगों को चुप करा दिया है. नीरज चोपड़ा के बारे में ये कहा जा सकता है कि जहां सफलता मिलने के बाद कुछ लोगों के राग, ढंग, चाल, और तौर तरीके सबकुछ बदल जाते हैं, तो वहीं दूसरी ओर नीरज चोपड़ा जैसे लोग भी हैं जो सफलता को अपने सिर पर नहीं चढ़ने देते.
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