अवसरवाद या हास्य?

लॉक डाउन के वक़्त, प्रवासी मज़दूरों पर आए खाने, पीने व रहने के संकट को अवसर में बदलने हेतु, पहले इंदिरा गांधी की नाक...

शिक्षण संस्थाओं में पर फैलाता विषैला वामपंथ

कुछ दिन पहले, पिंजरा तोड़ गिरोह नामक समूह के काफी स्पष्ट तौर पर दिल्ली दंगों में भागीदारी, और उनके देशविरोधी गतिविधियों से जुड़े तार...

राजस्थान सियासी संकट: भाजपा की दोहरी दुविधा

मुख्यमंत्री कुर्सी हासिल करना पायलट की महत्वकांक्षा नहीं, बल्कि हक था क्योंकि कहीं न कहीं जनमत की भी यही मर्ज़ी थी। कांग्रेस से मिले इस झटके को पायलट फिर भी सहन कर गए पर उनमें और गहलोत में उसी वक़्त ही ठन गयी थी जिसके परिणाम स्वरूप प्रदेश की राजनीति आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर आ खड़ी हुई है।