सनातन को समझिए कविता से: हम तान सुनाते मुरली की , पर नाग नाथना आता है

पूरे जग को अपना कहते ,हम सबको अपनाने वालेहम त्याग धर्म के पोषक है ,हम क्षमादान करने वालेहम गीता पढ़ने वाले है,हम रामायण के...