प्रधानमंत्री की बांग्लादेश-यात्रा को चुनाव से जोड़ना अनुचित परिपाटी

कोविड महामारी के बाद यह प्रधानमंत्री मोदी का पहला विदेश दौरा है। बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में उनका भव्य...

समय एवं समाज की चेतना को झंकृत करने वाले- छत्रपति शिवाजी

राष्ट्रीय जीवन एवं ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में छत्रपति शिवाजी महाराज की महत्ता एवं योगदान को रेखांकित-मूल्यांकित करने के लिए तत्कालीन परिस्थितियों को दृष्टिगत रखना पड़ेगा।...

छत्रपति शिवाजी: पश्चिम के लोकतंत्र से बहुत पहले प्रजातंत्र के पोषक वाले महाराज..

छत्रपति शिवाजी महाराज न केवल एक महान योद्धा थे, बल्कि वे एक कुशल एवं सुयोग्य प्रशासक भी थे। उन्होंने प्राचीन भारतीय परंपराओं और समकालीन...

माधवराव सदाशिव राव गोलवलकर उपाख्य श्री गुरूजी और संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के धुर-से-धुर विरोधी एवं आलोचक भी कदाचित इस बात को स्वीकार करेंगें कि संघ विचार-परिवार जिस सुदृढ़ वैचारिक अधिष्ठान पर खड़ा...

कश्मीरी पंडितों के बिना कश्मीरियत और जम्हूरियत दोनों अधूरी है।

कश्मीरी पंडितों के बिना कश्मीरियत और जम्हूरियत दोनों अधूरी है। शांति एवं स्वस्थ लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए यह...

यह पाखंड बंद करो बुरकापरस्तों! प्रभु श्रीराम भी हमारे, माँ दुर्गा भी हमारीं!

यह सुखद संयोग है कि आज धर्मनिरपेक्षता के तमाम ठेकेदार-झंडाबरदार हिंदू देवी-देवताओं, प्रतीकों, प्रेरणा-पुरुषों का नाम ले रहे हैं। उन की दुहाई दे रहे...

किसान-आंदोलन की आड़ में राष्ट्र की एकता, अखंडता, संप्रभुता से खिलवाड़

ग्यारह दौर की वार्त्ता, निरंतर किसानों से संपर्क और संवाद साधे रखने के प्रयास, उनकी हर उचित-अनुचित माँगों को मानने की पेशकश, यहाँ तक...

लोकतंत्र में हिंसा एवं अराजकता के लिए कोई स्थान नहीं..

लोकतंत्र में हिंसा एवं अराजकता के लिए कोई स्थान नहींलोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति गहन आस्था, विकास एवं सुधार को राजनीति की केंद्रीय धुरी बनाने,...