जय अटल, जय बिहारी (कविता)

जो  हिन्दी बोल पड़ा  यू एन  में, देश का मस्तक उठा दिया , वो बैठ बस में शांतिदूत , लाहौर तक चला गया ,...

माँ-स्वरूपा लगती है अब भी तुम्हें गाय, भूखा सलीम बेचारा क्या गौ भी न खाये?

मस्जिदों के नीचे क्यूँ मंदिर बनाए? कासिम से पहले क्यूँ राम-कृष्ण आए? क्यूँ जिहाद की राह में रोड़े अटकाए? भग्नाशेषों को रक्खे हो छाती...