मस्जिदों के नीचे क्यूँ मंदिर बनाए?
कासिम से पहले क्यूँ राम-कृष्ण आए?
क्यूँ जिहाद की राह में रोड़े अटकाए?
भग्नाशेषों को रक्खे हो छाती से लगाए? (4)
गजनी के बगल में क्यूँ सोमनाथ बसाए?
धृष्टता ऐसी कि उसमे जा शिवलिंग बैठाये!
तैमूर की राह में पलक पावड़े न बिछाये,
नादिर मियां को नाहक ही गुस्सा दिलाये।8।
क्यूँ बाबर पर तोड़फोड़ के आरोप लगाए?
अकबर की ड्यूटी प्रताप क्यूँ न बजाए?
ज़िंदा पीर आलमगीर को बुतशिकन बतलाए,
उस पहाड़ी चूहे की हिमाकत कि हिन्दू राष्ट्र बसाए! (12)
क्यूँ बैठे हो सनातन धर्म बचाए?
क्यूँ न वेद-पुराणों में बत्ती लगाए?
माँ-स्वरूपा लगती है अब भी तुम्हें गाय,
भूखा सलीम बेचारा क्या गौ भी न खाये? (16)
कर दो समर्पण जैसे भगवान दास बताए,
संधि की खातिर जोधा को अकबर से ब्याहे,
बिछ जाओ राह में खुद पर फूल सजाये,
कैसे बढ़ोगे आगे बिना धर्म और इतिहास भुलाए? (20)
सौहार्द ही नहीं एकता भी स्थापित हो जाए,
अगर हिन्दू अपने धर्म से च्युत हो जाए,
सारी मानवी समस्याओं का समाधान मिल जाए,
आओ गांधी की बताई राह को अपनाए ! (24)
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