” बाकी है “
फ़िलहाल सिर्फ इश्क़ का इल्जाम लगा है मुझपे, अभी तो सरेआम बदनाम होना बाकी है ।
फ़िलहाल सिर्फ इश्क़ का इल्जाम लगा है मुझपे, अभी तो सरेआम बदनाम होना बाकी है ।
कुछ खर्च हो चुकी हूँ , कुछ खर्च होना बाकी है ।
तुम लिख रहे हो मेरे अंत की कहानी पर अभी
तो शुरुआत होना बाकी है ।
फ़िलहाल सिर्फ इश्क़ का इल्जाम लगा है मुझपे,
अभी तो सरेआम बदनाम होना बाकी है ।
इस शहर के तमाम मयख़ानों की मयकशी कर आई हूँ,
अब तो बस तेरे इश्क़ का आखिरी जाम पीना बाकी है।
तुम चाहो तो इस रिश्ते से अब रिहाई कर लो
पर मुझे तो अभी और बर्बाद होना बाकी है ।
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