दिल्ली के मालवीय नगर में बाबा का ढाबा चलाने वाले कांता प्रसाद ने आत्महत्या की कोशिश की है. खबरों के मुताबिक, कांता प्रसाद ने गुरुवार 17 जून की रात शराब पीने के बाद नींद की गोलियां खा ली थीं. उन्हें सफदरजंग हॉस्पिटल में ले जाया गया. वह ICU में भर्ती हैं. खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।

खबर के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि PCR कॉल मिली थी कि आत्महत्या का प्रयास करने वाला एक व्यक्ति अस्पताल पहुंचा है. पुलिस मौके पर पहुंची और पाया कि वह कांता प्रसाद हैं. फिलहाल उनका इलाज चल रहा है. कांता प्रसाद की पत्नी ने पुलिस को बताया कि वह पिछले कुछ दिनों से उदास थे.

पुलिस का कहना है कि कांता प्रसाद के बेटे करन ने इस बात को कंफर्म किया है कि उनके पिता ने शराब और नींद की गोलियां ली थी। हाल ही में कांता प्रसाद फिर से अपने ढाबे पर लौटने को लेकर चर्चा में रहे थे. यूट्यूबर गौरव वासन की उनकी लड़ाई खत्म होने की खबर भी आई थी. एक वीडियो में दिखा कि गौरव जब बाबा से मिलने के लिए पहुंचे तो कांता प्रसाद भावुक हो गए. गौरव के पैर छूने की कोशिश करने लगे. हालांकि गौरव ने उन्हें गले से लगा लिया था।

गौरव का ‘स्वाद ऑफिशियल’ नाम का यूट्यूब चैनल है. इसी चैनल पर पिछले साल 6 अक्टूबर को 11 मिनट का एक विडियो डाला गया था. इसमें 80 साल से अधिक उम्र के कांता प्रसाद ने रोते हुए बताया था कि उनके दो बेटे और एक बेटी है, लेकिन कोई मदद नहीं करता. वो और उनकी पत्नी दिनभर ढाबे पर खाना बनाकर बेचते हैं. उसके बाद तो मानो बाबा की किस्मत ही पलट गई. देशभर से बुजुर्ग दंपती के लिए प्यार उमड़ने लगा. जो जहां था, वहीं से मदद की गुहार लगाने लगा. कई नेता, अभिनेताओं ने भी आगे आकर मदद की.

लेकिन इसके बाद कांता प्रसाद की गौरव वासन से अनबन हो गई. मामला बढ़ा तो बाबा ने 31 अक्टूबर 2020 को गौरव पर धोखाधड़ी का केस दायर कर दिया. कांता प्रसाद ने आरोप लगाया कि गौरव ने लोगों से उनके नाम पर बड़ी रकम जुटाई. लेकिन उन्हें कुछ ही हिस्सा दिया. वासन ने आरोपों से इनकार किया. उनका दावा था कि बाबा के नाम पर दान में 4.20 लाख रुपये मिले थे, जो उन्होंने दे दिए थे.

गौरव के बारे में बाबा ने कहा था, हम शर्मिंदा हैं
रेस्टोरेंट बाद हो जाने के बाद जब कांता प्रसाद अपने पुराने ढाबे पर लौटे तो गौरव वासन के साथ किए अपने बर्ताव पर शर्मिंदगी जताई. कांता प्रसाद ने आजतक से कहा था,

उन्होंने (गौरव ने) मुझे धोखा नहीं दिया था. आप मुझे कहो कि इस पर साइन कर दो, मैं तो कर दूंगा. मुझे क्या पता, उस पर क्या लिखा है. गौरव ने मेरा भला किया था, बुरा थोड़े न किया था. गौरव से मुझे कोई शिकायत नहीं है. वह अब भी आएंगे, तो उनका सम्मान किया जाएगा.

कांता प्रसाद ने आगे कहा था,

हमने जानबूझकर उनका दिल नहीं दुखाया. अगर अनजाने में उनका दिल दुखा है, तो मुझे जो सजा मिलनी चाहिए, मिले. मुझसे कहीं न कहीं चूक हुई है. मुझसे चूक यहां पर हुई कि मैंने कहा, हमने गौरव वासन को नहीं बुलाया, गौरव वासन अपने आप आए थे. और उस चूक के लिए हम शर्मिंदा हैं. हम चाहते हैं कि गौरव हमसे जुड़ें. हम उनसे पहले की तरह ही मिलेंगे, लेकिन वो पहले आएं तो सही।

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