फ्रांस में शुक्रवार को टीचर का सिर काटने वाला आतंकी घटना पर पूरा विश्व स्तब्ध है। आतंकी बेशक पुलिस की गोली से मारा गया है मगर उसने जो अपने पीछे सवाल छोड़े हैं वह मानवता के सामने जिंदा हैं। सवाल उठता है कि क्या कोई मजहब इतनी क्रूरता सिखाता है कि महज कार्टून दिखाने पर चर्चा के बाद एक शिक्षक को छात्र द्वारा बेरहमी से कत्ल कर दिया जाए। दावा किया जा रहा है कि 18 साल के इस आतंकी ने इतिहास के एक शिक्षक पर हमला करने से पहले अल्लाहू-अकबर का नारा लगाया था। फ्रांस में इस निर्मम हत्या के बाद राजनीति भी गरमा गई है।

शिक्षक की गला काटकर हत्या करने के बाद फ्रांस में फिर से एक बार धार्मिक आजादी को लेकर बहस छिड़ गई है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने इसे इतिहास की हत्या करार दिया है। उन्होंने कहा कि आतंकी ने देश के गणतंत्र के खिलाफ हमला किया है। उन्होंने कसम खाई कि ये लोग फ्रांस को विभाजित नहीं कर पाएंगे।

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