भगवद गीता को सभी विषयों के साथ अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की याचिका इलाहाबाद हाइकोर्ट ने खारिज कर दी है. इस याचिका में मांग की गई थी कि भगवद गीता को सभी विषयों के साथ अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए. PIL में मांग की गई थी कि भगवद गीता को सभी विषयों के साथ छात्रों को बेसिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक के लिए एक विषय के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए.

यह याचिका ब्रह्म शंकर शास्त्री की ओर से दायर की गई थी. उन्होंने मांग की थी समाज के समग्र हित के लिए भगवद गीता पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए.

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा, “दायर याचिका पूरी तरह से अस्पष्ट और गलत है और खारिज की जाती है”. बेंच की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता की मांग है कि भगवद गीता को इंटरमीडिएट और हाईस्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, इसके लिए उन्हें हाईस्कूल-इंटरमीडिएट बोर्ड का रुख करना चाहिए. क्योंकि उनके पास विषय को शामिल करने का अधिकार है.

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