आईआईटी बीएचयू के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। राजभाषा हिन्दी का सम्मान करते हुए बीएचयू आईआईटी ने एक बड़ा फैसला लिया है। पहली बार अब आईआईटी ने अब हिन्दी में पढ़ाई कराने का फैसला किया है। इस सत्र से बीटेक की पढ़ाई हिन्दी मीडियम से हो सकती है। इस तरह की सुविधा देने वाला आईआईटी बीएचयू देश का पहला संस्थान है इस फैसले के बाद आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर कहते है की आने वाले दिनों में आईआईटी बीएचयू के बाद दूसरे आईआईटी भी अपने राज्य के क्षेत्रीय भाषा में बीटेक की पहले समेस्टर की पढ़ाई शुरू कर सकते है।
बीएचयू आईआईटी ने बीटेक की पढ़ाई हिन्दी में कराने का निर्णय लिया है। यह फैसला आईआईटी बीएचयू के निदेशक और राजभाषा समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने किया है।प्रोफेसर जैन ने कहा कि नई शिक्षा नीति में शिक्षा का माध्यम मातृभाषा को बनाया गया है। इसके लिए हम हिंदी माध्यम से प्रथम वर्ष की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के कार्य में हिंदी काफी सहयोग करेगी। अभी हिंदी पर आधारित सिलेबस भी तैयार किया जा रहा है। इसमें अंग्रेजी के उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल किया जाएगा, जो कि आम बोलचाल में हैं। बीते साल ही शिक्षा मंत्रालय की ओर से आईआईटी में भी हिंदी माध्यम से बीटेक की पढ़ाई करने पर विचार किया गया था। इसके बाद मंत्रालय ने आईआईटी बीएचयू से तैयारी शुरू करने की बात कही थी, लेकिन कोरोना के बाद से इस योजना पर ब्रेक लग गया था। अब जाकर निदेशक प्रोफेसर जैन ने इस पर सहमति दे दी है। जल्द ही नए कोर्स करिकुलम में भी बी टेक इन हिंदी जोड़कर जारी किया जाएगा।
देश में आई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय भारतीय भाषाओं में पढ़ाई पर जोर दिया गया है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने नए शैक्षणिक सत्र से हिंदी सहित आठ भारतीय भाषाओं में इसे पढ़ाने की मंजूरी दे दी है।
आने वाले दिनों में आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर बताते है की एआइसीटीई की योजना करीब 11 भारतीय भाषाओं में इसे पढ़ाने की है। इस बीच हिंदी के साथ इसे जिन अन्य सात भारतीय भाषाओं में पढ़ाने की मंजूरी दी गई है, उनमें मराठी, बंगाली, तेलुगु, तमिल, गुजराती, कन्नड़ और मलयालम शामिल हैं जल्द ही बीएचयू के बाद दूसरे आईआईटी भी अपने राज्य के क्षेत्रीय भाषा में बीटेक की पहले समेस्टर की पढ़ाई शुरू कर सकते है। उनका कहना है की हम अंग्रेजी को डंप नहीं कर रहे है बल्कि ग्रामीण परिवेश के छात्र आसानी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकते है।
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