धर्मांतरण गैंग वाले अपना जाल बिछाकर गरीब, पिछड़े और लाचार लोगों को बहला-फुसलाकर उनको कनवर्ट कर रहे हैं. देश के कई आदिवासी बहुल राज्य जिनमें छत्तीसगढ़ और झारखंड पहले से ही ईसाई मिशनरियों के निशाने पर है. लेकिन अब इनकी नजर बिहार के भी कुछ इलाकों पर है. जहां ये आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को पैसों का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं.

साभार-दैनिक जागरण

बिहार के छपरा जिले से कुछ ऐसी ही खबर सामने आयी है. जहां के जटुआं गांव में न सिर्फ दलित समुदाय के लोगों के धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है ब्लकि गांव के ही एक धार्मिक स्थल पर चर्च निर्माण की बात भी सामने आयी है. जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक एक ईसाई दंपती इस चर्च को बनवा रहा था. हालांकि ये बात जैसे ही गांव में फैली स्थानीय लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. दरअसल एक और अहम बात जो सामने आयी कि जिस जगह पर चर्च का निर्माण कराया जा रहा था वहां पर एक पीपल का पेड़ हैं उसी के नीचे हनुमान जी की पूजा-अर्चना होती है। पेड़ में पूजा का धागा भी बंधा हुआ है

गांव वालों का आरोप है कि इस बस्ती में ईसाई धर्म प्रचार के लिए कभी फिल्म दिखाते हैं तो कभी लोगों के बीच धार्मिक कैलेंडर बांटते हैं। गांव के तीन लोगों को पहले ही कनवर्ट किया जा चुका है. वहीं स्थानीय़ लोगों ने पुलिस के पास ईसाई दंपती की शिकायत की है. भूमि खरीदने वाले ईसाई दंपती का कहना है कि वे लोग यहां जनसेवा के लिए छोटा सा अस्पताल, स्कूल और प्रार्थनासभा के साथ अपने रहने लिए आवास बनवाने वाले हैं। वहीं विरोध में उतरे स्थानीय लोगों का कहना है कि इन लोगों की योजना यहां चर्च बनाने की है। ये दंपत्ति आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं। फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गयी है.

इसमें कोई संदेह नहीं कि ये ईसाई मिशनरी पहले मदद के बहाने हाथ बढ़ाते हैं फिर एक, दो और धीरे-धीरे एक परिवार और फिर समूचे गांव के लोगों को कनवर्ट कर देते हैं और जो परिवार अपना धर्म छोड़ने को तैयार नहीं होता उसे ये लोग हर तरह से परेशान करते हैं. कुछ दिनों पहले तमिलनाडु से ऐसी ही खबर सामने आयी थी जहां ईसाई मिशनरीज 10 सालों से एक परिवार पर धर्मांतरण के लिए दबाव बना रहा था, उस परिवार ने पुलिस से भी मदद की गुहार लगायी लेकिन कहीं से कोई मदद ना मिलने पर परिवार की महिला ने कलक्टर के ऑफिस के सामने आत्मदाह की कोशिश कर ली थी.

इसलिए जरुरी है कि आसपास के लोग समय रहते जाग जाएं और धर्मांतरण गैंग वालों को बसने का मौका ही ना दें.

 

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.