90 के दशक में जिस तरह से कश्मीर से पंडितों को  कट्टरपंथी ताकतों ने दरबदर किया,  उसके बाद केंद्र सरकार  की तमाम कोशिशों के बाद एक बार फिर आस जगी कि कश्मीरी पंडितों को जम्मू कश्मीर में बसाया जाए । सामने से बेशक गंगा जमुनी तहजीब और तमाम दूसरी  पोस्टर जैसी बातें की जाए मगर हकीकत अभी कड़वी और उतनी ही विषैली है । जम्मू के त्राल में बीजेपी नेता  कश्मीरी पंडित  राकेश पंडिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई है ।सेना अध्यक्ष के कश्मीर दौरे के बीच आतंकियों ने इस वारदात को अंजाम दिया। हमले में एक महिला भी जख्मी हुई है, जिसे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। तीन की संख्या में बताए जा रहे हमलावर मौके से फरार हो गए, जिनकी तलाश में सुरक्षा बलों ने पूरा इलाका घेर तलाशी अभियान तेज कर दिया है। 
गौरतलब है कि राकेश पंडिता 90 के दशक से ही कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में बसाए जाने की एक बुलंद आवाज थे जो तमाम मोर्चों पर कश्मीर में कट्टरपंथी जिहादी ताकतों के खिलाफ बौद्धिक और जमीनी लड़ाई लड़ रहे थे। जब से केंद्र सरकार ने कश्मीर को लेकर अनुच्छेद 370 को खत्म किया तभी से राकेश पंडिता की कोशिशें वापस कश्मीर में पंडितों को बसाए जाने के लिए बड़े स्तर पर की जा रही थी।

उधर, पुलिस ने दावा किया है कि राकेश पंडिता को निजी सुरक्षा के लिए दो पीएसओ दिए गए थे, लेकिन बुधवार को वे बिना सुरक्षा के ही त्राल चले गए। पुलिस के अनुसार राकेश पंडिता पुत्र सोमनाथ पंडिता बुधवार को त्राल बाला इलाके में अपने मित्र मुस्ताक भट के घर आए थे। इसी दौरान तीन अज्ञात आतंकियों ने राकेश पंडिता पर करीब से फायरिंग कर दी। गोलीबारी में पंडिता और उनके मित्र की बेटी चपेट में आ गईं। दोनों को फौरन अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन राकेश पंडिता की मौत हो गई। 

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