वह दौर और वह जमाना बीत गया जब बॉलीवुड में हिंदू प्रतीक चिन्हों का अपमान किया जाता था और वह फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल कर लेती थीं, यह जमाना है शमशेरा जैसी प्रोपेगेंडा फिल्म को दंडित करने का ताकि वह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फिसड्डी साबित हो जाए , यह जमाना है ‘तानाजी’ (Tanhaji) जैसी राष्ट्रभक्त और धर्मनिष्ठ फ़िल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार दिलवाने का..!
इस देश की जनता अब बॉलीवुड को उसकी औकात बता रही है और जिस जिस फिल्म में हिंदू प्रतीक चिन्हों का अपमान किया जा रहा है उन फिल्मों को पटखनी दे रही है। शमशेरा फिल्म में जिस तरीके से युद्धवीर सिंह की भूमिका में संजय दत्त को चोटी और टीके वाला हिंदू दिखाया गया और उसे विलेन बताया गया ..उसका चारों तरफ कड़ा विरोध हुआ..! सोशल मीडिया पर शमशेरा (Shamshera) के कड़े विरोध के चलते जनता में जागरूकता आई और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह जा गिरी।
बीते 50 सालों में बॉलीवुड (Bollywood) ने हमेशा हिंदू (Hindu) देवताओं का अपमान किया है हिंदुओं के प्रतीक चिन्हों का अपमान किया है मगर अब जनता में जागरूकता आ रही है और इन मुंबईया फिल्मकारो को जनता उनकी औकात बता रही है। खान गैंग के द्वारा संचालित होने वाले और वामपंथियों से भरे हुए इस बॉलीवुड का बायकॉट करना बहुत जरूरी है ताकि इन्हें इनकी औकात पता चल सके।
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