सावन का पवित्र महीना चल रहा है. इस समय सभी मंदिरों में भक्तगणों का तांता लगा होता है. खास कर सावन के महीने में शिव भक्तों और कांवड़ियों का जोश देखते ही बनता है जब बम-बम भोले के नारों के साथ कांवड़िये बिना रुके बिना थके जय-जयकार करते रहते हैं. लेकिन कुछ लोगों को ना जाने कौन सा कीड़ा काटता रहता है कि हमारे पर्व त्योहार में जब तक वे विघ्न ना डाले उनका दिन पूरा ही नहीं होता. चाहे शिवरात्रि हो, रामनवमी हो या फिर दुर्गा पूजा इनका काम सिर्फ और सिर्फ हमारी शोभायात्राओं पर हमला करना और हमारे मंदिरों में तोड़-फोड़ करना होता है!

दरअसल उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में रविवार को काँवड़ ले जा रहे शिव भक्तों पर पत्थरबाजी की गई है। जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में एक गली से कुछ लोग पत्थर बरसाते दिखाई दे रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बालखंडी नाथ मंदिर के पास एक मस्जिद से पत्थरबाजी का आरोप लगाया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साजिश को अंजाम देने के लिए शाह नूरी मस्जिद में पहले से ही पत्थरबाजों की फौज और आसपास की छतों पर ईंट-पत्थर जमा कर लिए गए थे।

सावन के तीसरे सोमवार से पहले शिव भक्त कांवड़ियों पर पत्थरबाजी किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था. देखा जाए तो हमारे त्योहारों और धार्मिक यात्राओं को निशाना बनाना कुछ लोगों की आदत बनती जा रही है.

वहीं दूसरी तरफ बिहार के दरभंगा जिले में रविवार को मोहर्रम का झंडा लगाने को लेकर 2 गुटों में विवाद हो गया है। इस दौरान पत्थरबाजी की भी खबर है। झगड़ा तब शुरू हुआ जब मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग मंदिर के सामने मोहर्रम का झंडा लगा रहे थे। मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं ने इसका विरोध किया।

दरअसल चाहे बरेली हो या फिर बिहार का दरभंगा कुछ लोगों का मकसद ही होता है हिंदू, हमारे त्योहार, हमारे आराध्य पर हमला करना. सवाल ये कि कांवड़ियों और हमारे मंदिरों से इतनी नफरत क्यों? लगता है ये लोग भूल गये कि कैसे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में दंगाईयों और हमारे शोभायात्रा पर पत्थर बरसाने वालों के घर पत्थर के ढेर बन गए थे. क्योंकि इन जैसे लोगों का सही इलाज बुलडोजर ही कर सकता है. इसलिए एक बात उन पत्थरबाजों और दंगाईयों को समझ लेनी चाहिए की जैसी करनी उससे डबल है भरनी!

 

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