पहले की सरकारों में होता था कि सड़क का निर्माण शुरू किया जाता था मगर बजट सारा डकार कर सड़क तयशुदा समय से भी कई ज्यादा सालों में बनकर तैयार होती थी, मगर यह मोदी सरकार का युग है और अब सड़कें एक्सप्रेसवे तयशुदा समय से पहले बनकर तैयार हो जाते हैं और तो और उसमें जनता की गाढ़ी कमाई का बजट भी बचाया जाता है। तयशुदा समय से पहले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो गया है जानिए इसकी खूबियां
* 29 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री ने किया था बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया
*296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे महज 28 महीनों में ही बनकर हो गया तैयार
*36 महीनों का लक्ष्य तय किया गया था बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए
*1,132 करोड़ रुपये की बचत इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में की गई है
अभी चार लेन में बने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को आगे चलकर छह लेन तक बढ़ाने की योजना है
*यह एक्सप्रेस-वे राज्य के सात जिलों को जोड़ता है, जिसमें 13 इंटरचेंज प्वाइंट होंगे.
*बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से इटावा के पास जुड़ेगा, जिससे दिल्ली-एनसीआर के साथ लखनऊवालों को भी बुंदेलखंड तक सीधा रूट मिल जाएगा.
*बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे राज्य में बनने वाले डिफेंस कॉरिडोर की सफलता के लिए भी बेहद अहम है.
*बांदा और जालौन जिले में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए काम भी शुरू हो चुका है.
*चित्रकूट में यह एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजमार्ग 35 पर खत्म हो रहा है, जो झांसी को प्रयागराज से जोड़ता है.
*बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे यूपी का पांचवां एक्सप्रेस-वे होगा.
*इससे पहले राज्य में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे, ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ने वाला यमुना एक्सप्रेस-वे, फिर 302 किलोमीटर लंबा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और लखनऊ को गाजीपुर से जोड़ने वाला 341 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे है
*छठवें एक्सप्रेसवे प्रयागराज से मेरठ के बीच 594 लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे पर भी काम तेजी चल रहा है.

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