स्वर्गीय नितिन पासवान।
15 वर्षीय बालक।
शायद ही किसी ने नाम सुना हो।
बिहार का रहने वाला दिल्ली में caa विरोधियों द्वारा दंगे में शहीद ।
याद होगा caa के खिलाफ किस तरह से प्रदर्शन हुए और परिणाम स्वरूप दिल्ली में फरवरी 2020 में आतंकी दंगा के रूप में खत्म हुआ । कांग्रेस पार्टी , बाम पंथी दल खुलेआम caa विरोधियों के समर्थन में खड़े थे बिना किसी आधार के।
Caa कानून पाकिस्तान के सताए पीड़ित अधिकांश दलित हैं उनके नागरिकता के लिए था पर आज भी लोग यही सोच रहे हैं फिर दंगा क्यूं किया गया। क्यूं प्रदर्शन हुए ।
रोहिंग्या जिनका भारत से कोई लेना देना नहीं वो तो अवैध रूप से भारत में रह सकते हैं पर पाकिस्तान , अफगानिस्तान , बांग्लादेश के धर्म के कारण सताए हिंदू नहीं रह सकते भारत में ।
कांग्रेस पार्टी का caa पर क्या रुख है बिहार में यह मुद्दा भी होना ही चाहिए।
क्या कांग्रेस राजद की सरकार बनी तो बिहार में caa कानून माना जाएगा या नहीं।
एक एक दलित समाज में यह बात चर्चा करने की जरूरत है।
अब बात करते हैं आखिर उस caa विरोधी के खिलाफ खड़े होने वाले दिल्ली के नेता कपिल मिश्रा जी की जिन्होंने उग्र होते हुए आंदोलनकारी को जो जगह जगह सड़क जाम करके दिल्ली को बंधक बनाने का प्रयास कर रहे थे उन्होंने आवाज उठाई , इसमें गलत क्या है आखिर क्यूं कोई हमारा सड़क बंद कर देगा । 3 महीनों से एक विचारधारा भारत के लोकतांत्रिक तरीके से बने सरकार को असंवैधानिक तरीके से चुनौती दे रहा था । तथाकथित सेक्युलर मीडिया, मंदबूद्धजिवी, बॉलीवुड माफिया, बाम पंथी और कट्टरवादी लोग कपिल मिश्रा के खिलाफ लग गए और सारा दोष बेवजह कपिल मिश्रा पर मढ़ने लगे। कई जगहों से कई लोगों द्वारा धमकियां भी मिली की आप क्यूं बीच में आए। आप क्यूं सड़क खुलवाने की बात करते हो।
देश आजाद हुआ पर आज भी तानाशाहों की विचारधारा जीवित है। आज भगत सिंह, आजाद, मंगल पाण्डेय जैसे महान क्रांतिकारी शहीदों के बारे में सोचते हैं तो पता चलता है उन्होंने कितनी बड़ी कुर्बानी दी देश के लिए।
अंग्रेजों की हुकूमत और बाम पंथी चाटुकार के राजनीति में शहीद हुए हमारे वीर पर वो आज भी दिखते हैं हमें जब कोई कपिल मिश्रा जैसा नेता सत्य के साथ अपनी जान की परवाह किए बिना खड़ा रहता है।
उस वक्त हमारे देश के लोगों ने साथ नहीं दिया उन महान क्रांतिकारियों का और युवा अवस्था में शहीद हो गए क्यूंकि कुछ लोग सत्ता के भूखे थे और देश का बंटवारा जो करना था।
पर आज देश ऐसे क्रांतिकारियों के साथ खड़ा है और खड़ा रहेगा।
संविधान के अनुसार अपनी बात रखेगा क्यूंकि हम आजाद हैं।
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