अब सनातन ,हिन्दू धर्म , देवी देवताओं को निशाना बनाना , उन्हें अपमानित करना या किसी भी तरह से अमर्यादित ढंग से उनका निरूपण ,चित्रण करना , हिन्दू मंदिर , पुजारियों आदि को बदनाम करने की किसी भी कोशिश को ये हिन्दुस्तान कदापि नहीं सहेगा और न ही पहले की तरह क्षमा माँग कर फिर से वही धूर्तता करने का कोई अवसर देगा। अब ऐसे हर प्रयास को न सिर्फ सामाजिक बहिष्कार और प्रतिकार झेलना होगा बल्कि न्यायालय की चौखट पर आकर अपने अपराध का दंड भी भुगतना होगा।

बॉलीवुड के खान गैंग और इनके लगुओं भगुओं द्वारा अक्सर ,सिनेमा और मनोरंजन के बहाने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व कला के नाम पर हिन्दुओं की भावनाओं को अपमानित करने का प्रयास किया है। इसकी नई कड़ी में सैफ अली खान ने रामायण की कथावस्तु को आधार बना कर आदि पुरुष नाम की फिल्म बनाने की घोषणा कर दी और इस सिनेमा के विषय में बोलते हुए रावण द्वारा माता सीता के अपहरण को न्यायोचित ठहराए जाने की बात कह दी।

इतना ही नहीं सैफ अली खान जो अपने पुत्र का नाम तुर्क आततायी मंगोल नरभक्षी तैमूर के नाम पर रखता है उसने इस सिनेमा में रावण को महिमामंडित करने की अपनी योजना का खुलासा भी किया। इस सिनेमा में रावण के मानवीय पक्षों को दर्शाने की बात भी कह डाली।

लेकिन अब इस सिनेमा के निर्देशक ओम राउत (ये भी naughty निकला ) और इस फिल्म के निर्माता अभिनेता सैफ अली खान के ऊपर उत्तर प्रदेश के जौनपुर में , अतिरिक्त न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में दंड प्रकिया संहिता की धारा 156 (3 ) में अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने शिकायतकर्ता के रूप में अधिवक्ता उपेंद्र विक्रम सिंह द्वारा इस मामले पर आपराधिक याचिका दायर कर दी है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 दिसंबर की तारीख तय की गई है।

इस आपराधिक याचिका में सैफ अली खान द्वारा इस सिनेमा के सन्दर्भ में 6 दिसंबर को दिए गए साक्षात्कार ,जिसमे सैफ ने बहुत सी अनर्गल बातें कही थीं को आधार बना कर शिकायत दर्ज़ कराई गई है कि सैफ ने जान बूझ कर हिन्दू धर्म और माँ जानकी, प्रभु श्रीराम के प्रति ओछे विचार रखे। और बाद में बात बढ़ने पर माफ़ी मांगने लगा

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