छत्‍तीसगढ़ के जंगल शनिवार को एक बार फिर गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठे। घात लगाकर किए गए इस हमले में हमारे 23 जांबाज शहीद हो गए। बीजापुर के जंगल में जिस तरह से नक्सिलयों ने हमारे जवानों पर हमला किया वो पूरी प्लानिंग के साथ की गयी थी, इसमें कोई शक नहीं है.

शहीद जवानों की संख्या किसी के लिए सिर्फ एक नंबर भर हो सकते हैं लेकिन किसी के लिए भाई, किसी के लिए पिता, किसी के बुढ़ापे की लाठी, जी हां ये 23 परिवार की उम्मीदें थी , जाहिर है हिंदुस्तान 23 जवानों की शहादत को कभी भूल नहीं पाएगा, इधर नक्सलियों के खिलाफ गृह मंत्री अमित शाह ने भी जंग का एलान करते हुए कहा कि हमारे सपूतों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा

शहीद 23 सूपतों में से एक थे SI दीपक कुमार, जब चारों तरफ से  नक्सली गोलियां बरसा रहे थे, तब शहीद पक अपने साथियों को बचा रहे थे ठीक उसी समय ब्लास्ट हुआ जिसमें वे शहीद हो गए. हमेशा खुद और दूसरों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने वाले जांजगीर के इस बेटे के यूं चले जाने से हर आंख नम है।

होली के समय अपने पिताजी से फोन पर बात करते हुए शहीद दीपक ने कहा था- पिताजी अभी बहुत बिजी हूं, इसलिए बात नहीं कर पा रहा आजकल। रुंधे गले से एक पिता अपने बेटे के चेहरे को निहारते हुए बस रोता जा रहा है। “Kreately” परिवार  की तरफ से भी हमारे शहीदों को शत-शत नमन।

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