यूपी-असम जैसे राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण के लिए उठाए जा रहे कदमों के बीच केरल में चर्च ने अधिक बच्चे वाले ईसाई परिवारों को आर्थिक मदद देने का एलान किया है। इसके तहत पांच या अधिक बच्चाें वाले परिवार को हर महीने 1500 रुपये मिलेंगे। सुविधा वर्ष 2000 के बाद शादीशुदा जोड़ाें को मिलेगी।
चर्च ने कहा, “हमें हमारे समुदाय को आगे ले जाने की ज़रूरत है। भले ही ये जनसंख्या वृद्धि की दर बढ़ाने के लिए नहीं हो, लेकिन कम से कम मौजूदा जनसंख्या वृद्धि की दर को बरकरार रखने के लिए तो इसे लाया ही गया है। हम ईसाई परिवारों को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह देते हैं। वर्तमान में हमारे समुदाय की जनसंख्या वृद्धि दर घट रही है। इसके लिए कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं किया गया है, क्योंकि इसकी ज़रूरत नहीं। पादरियों के साथ चर्चा के बाद पता चला कि यही स्थिति है।
हैरानी की बात यह है पूरे देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की बात की जा रही है तो इसके बावजूद केरल जैसे शिक्षित राज्य में ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने जैसी बात कहना कहां तक जायज है। अक्सर हम सुनते हैं की शांतिप्रिय समुदाय के मौलवी और मुफ़्ती तमाम फतवे जारी करते हैं जिसमें बच्चे पैदा करने को ऊपर वाले का हुकुम बताया जाता है मगर देश की दूसरी अल्पसंख्यक आबादी इसी राह पर चलेगी तब फिर तो हो लिया देश का भला।
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