ये होती है सोशल नेटवर्किंग की ताकत , लोगों के आपस में जुड़ने की ताकत और साथ जुड़ कर कुछ कर गुजरने कुछ बदल डालने और सबसे बढ़कर इस सबमे खुद की भागीदारी का एहसास | बाबा का ढाबा को एक खूबसूरत से सन्देश के साथ जैसे हाथों हाथ आगे बढ़ाया गया वो ये साबित कर रहा है कि अब भी सिर्फ एक आवाज़ से हम हिन्दुस्तानी ज़मीन से आसमान नाप लेने की हिम्मत रखते हैं |

इधर पुजारी जी के परिवार को तुरंत आर्थिक सहायता देने के लिए भाजपा के युवा और प्रखर राष्ट्रवादी युवा चेहरे कपिल मिश्रा ने आनन् फानन में 24 घंटे में 25 लाख जमा करके परिवार को दे भी दिया |

लेकिन हौसला तो तो कांग्रेस जैसा | एक ही नंबर के ट्रेक्टर दो दो जगह जला रही रही है , सोफे वाले ट्रैक्टर पर बैठ कर चीन को भगा रही है उसने कसम खा ली तो खा ली , यही कि ,कुछ भी हो जाए अब तो इसका चार गुना यानि एक करोड़ रूपए जुटा कर परिवार की मदद की ही जाएगी | ये बार बार पार्टी की साधु संन्यासी के विरूद्ध कहना ठीक नहीं है |

वाह ये हुई न कोई बात , कोई रेस | अब इस एक करोड़ रूपए जुटाने की कांग्रेस की रेस में सब कोई इनको विश करिये जी , हां नहीं तो | कांग्रेस के पक्ष कारों का मानना है कि हमारे इधर इतना है इतना है कि यदि सच में ही सब पार्टी वाले पच्चीस पच्चास परसेंट भी लगा दें समाज के लिए तो बहुत अलग बात हो जाएगी |

पुजारी जी के परिवार को इन सबके बीच कम से कम आर्थिक संबलता का एक त्वरित सहारा तो मिल ही जाएगा |

क्या , हैलो हैलो हैलो , अब ये क्या बात हुई कि , तुम भी सुने हो किसी से , माने सब कोई सुन के आगे सरका रहे हो यही न , हई रे बुड़बक

# व्यंग्य है ये :
अब ये भी लिख कर बताना पड़ रहा है कि , व्यंग्य है ये ,इससे बड़ा व्यंग्य और क्या होगा भला | हायो रब्बा

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