दो साल पहले 178 करोड़ के मुनाफे वाला जल बोर्ड 2 साल में चला गया 1600 करोड़ के घाटे में
जल बोर्ड के वाटर डिस्ट्रीब्यूशन, मैनेजमेंट के कामों को बेचने का निर्णय
पिछले दो सालों से लगातार घाटे में हैं जल बोर्ड
कभी लाल किला बिक गया, एयरपोर्ट बिक गया, देश बिक गया चिल्लाने वाले आम आदमी पार्टी के नेता अब एक छोटा सा जल बोर्ड भी नहीं चला पा रहे और उसे बेचने तक कि नौबत आ गयी हैं।
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड को बेचने का निर्णय कर लिया हैं। जल बोर्ड द्वारा पानी के वितरण और प्रबंधन के काम को बेचने की सारी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।
दिल्ली के अलग अलग ज़ोन में अलग अलग प्राइवेट कंपनी को जल बोर्ड को खरीदेगी।
उल्लेखनीय हैं कि दिल्ली जल बोर्ड पिछले दो सालों से लगातार घाटे में हैं। पानी की नई लाइनों का काम ठप्प हैं और दिल्ली में हर विधानसभा में गंदे पानी की भयानक शिकायतें हैं।।
यही जल बोर्ड 2017 तक ₹178 करोड़ के मुनाफे में था। 2015 से 2017 तक जल बोर्ड ने नई पानी की लाइन डालने का रिकॉर्ड बनाया था। 2017 में केजरीवाल ने जल बोर्ड की कमान सीधे अपने हाथों में ली और दो ही साल में दिल्ली जल बोर्ड के बिकने की नौबत आ गयी।
आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने से पहले जल बोर्ड के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन किया था और केजरीवाल ने जल बोर्ड का कभी निजीकरण नहीं किया जाएहा ये घोषणा पत्र में लिखा था।
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