मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा देवस्थानम बोर्ड को निरस्त करने के फैसले को लेकर तीर्थपुरोहितों में खुशी है। तीर्थपुरोहितों ने कहा कि यह हमारे संघर्षो की जीत है। तीर्थपुरोहितों की एकजुटता के कारण सरकार को पीछे हटना पड़ा।

केदारनाथ सहित बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में तीर्थपुरोहित देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे थे। कई दौर की वार्ताओं के साथ ही केदारनाथ में वीआईपी और राज्य सरकार के मंत्री, विधायकों, पूर्व सीएम आदि का विरोध किया गया। इसी के चलते देर आए दुरुस्त आए। सरकार के फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए। आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा कि तीर्थपुरोहित, साधु-संतों एवं स्थानीय हक हकूकधारियों के सामने सरकार को आखिरकार झुकना ही पड़ा। अब शीघ्र ही सरकार को बदरी-केदार मंदिर समिति को पुन: क्रियान्वयन करने की कार्रवाई शुरू कर देनी चाहिए।

सभी तीर्थपुरोहित मुख्यमंत्री धामी के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। साथ ही बोर्ड भंग करने पर उनका आभार जता रहे हैं। इधर, देवस्थानम बोर्ड के सदस्य रहे वरिष्ठ तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने कहा कि वह सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड के सदस्य जरूर बनाए गए थे, किंतु वह तीर्थपुरोहितों की भावनाओं की अनदेखी नहीं होना देखना चाहते थे। लगातार सरकार से तीर्थपुरोहितों के हित में निर्णय लेने के लिए दबाव बनाते रहे। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं केदारनाथ दौरे में तीर्थपुरोहितों से अपने लगाव का जिक्र कर गए। उनके इस क्षेत्र के प्रति आस्था और तीर्थपुरोहितों के प्रति स्नेह का ही प्रतिफल है कि आज सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है। सरकार के इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है।

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