उत्तर प्रदेश में मजहबी तालीम के नाम पर चलाए जा रहे मदरसों (Madarsa) को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बिना जांच और सत्यापन के बाद भी जिस तरह से यह मदरसे चल रहे थे उसके बाद से ही इनकी भूमिका पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं । एसआईटी जांच में आजमगढ़ (Azamgarh) के 250 और मिर्जापुर (Mirzapur) के 150 मदरसे पूरी तरह फर्जी पाए गए हैं…जांच में निकला है कि पिछली सरकारों ने बिना भौतिक सत्यापन किए मदरसों को मान्यता दी और फिर सालों तक करोड़ों सरकारी रूपया लुटाती रहीं…वहीं इसे लेकर एसआईटी ने प्रदेश सरकार से मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी है।
एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक साल 2009-10 में बिना सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता दी गई थी..इस दौरान करोड़ों रुपए के अनुदान का घोटाला हुआ था। एसआईटी की जांच में अल्पसंख्यक विभाग के कई अफसर और कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है… इस मामले में एसआईटी ने जांच पूरी करने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी है. साथ ही इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की भी अनुमति मांगी गई है।
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