देश के वातावरण में जहर घोलने वाले नामों में प्रमुख है दिलीप मंडल का नाम। आज 8 मार्च को महिला दिवस के दिन दिलीप मंडल ने फेसबुक पर एक पोस्ट चस्पा की है जिसमें उन्होंने ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता’ श्लोक का गलत अर्थ लिखते हुए इसकी अश्लील व्याख्या की है। नफरत से भरे हुए दिलीप मंडल को यह भी नहीं पता कि इस श्लोक में ‘रमंते’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है ना कि ‘रमण’ शब्द का।


दिलीप मंडल ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि’ मनुस्मृति के श्लोक ३/५६ यानी “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः” का वह अर्थ नहीं है जो लीपा पोती करके कुछ लोग बता रहे हैं। औरतों के ख़िलाफ़ जिस किताब में सैकड़ों गंदी बातें हैं, वहाँ इस श्लोक का भी वैसा ही अर्थ है। रमण का अर्थ है मौज करना। देवता तो फिर भूदेव ही हैं। #WomensDay 
भाषा विशेषज्ञ मेरी बात को ग़लत साबित करें!’


जाहिर है दिलीप मंडल को रमन्ते और रमण शब्द में फर्क नहीं पता है और वह सोशल मीडिया पर सनातन धर्म के खिलाफ घृणित बातें लिखकर धर्म का अपमान कर रहा है। रमंते शब्द का अर्थ होता है निवास करने वाला जबकि रमण शब्द का अर्थ आनंद के अभिप्राय में लिया जाता है। गौरतलब है कि इससे भी पहले दिलीप मंडल सनातन धर्म के खिलाफ भ्रामक बातें लिखकर नफरत का जाल सोशल मीडिया पर फैलाता है मगर अब तक उस पर समुचित कार्रवाई नहीं की गई है।

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