संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले बीते 1 साल से किसानों का जो आंदोलन चल रहा है अब उसकी कलाई खुलना शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया और संसद से तीनों कृषि कानून वापस हो गए मगर इसके बावजूद कुछ लोग वहां पर डटे हुए रहना चाहते हैं और इसके चलते अब खुद किसान आंदोलन में फूट पड़ गई है। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी सतीश नंबरदार ने कहा है कि राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते कुछ लोग अब इस आंदोलन को जारी रखना चाहते हैं।

भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी सतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस करके बहुत अच्छा कदम उठाया है उन्होंने एमएसपी पर कमेटी बनाने का आश्वासन भी दिया है तो अब आखिर किसानों को अपने खेतों में वापस चले जाना चाहिए।

चौधरी सतीश नंबरदार ने ऐलान किया है कि यदि तीनों कृषि कानून वापस होने के बावजूद भी सिंघु बॉर्डर को खाली नहीं किया जाता है तो वह बवाना नरेला और दिल्ली हरियाणा के तमाम किसानों को लेकर जंतर मंतर पर भूख हड़ताल करेंगे ।

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