देश में जिहाद ऐसे तो सालों से चल रहा है फर्क सिर्फ इतना है कि धीरे-धीरे इसका स्वरूप बदल जाता है । कभी लव जिहाद, कभी लैंड जिहाद तो कभी UPSC जिहाद लेकिन आजकल एक नये तरह के जिहाद का खतरा बढ़ रहा है वो है ‘थूक जिहाद’..
हाल के दिनों में संप्रदाय विशेष अपने कुकृत्यों से मानवता का गला घोंटने का धंधा कर रहा है , ये कहना गलत नहीं होगा .. उनकी जिहादी मानसिकता से पूरी दुनिया भली-भांति परिचित है। आपको बताना यहां जरुरी है कि वैसे तो इस्लाम में ‘जिहाद’ का मतलब है, ‘खुद की बुराइयों पर विजय पाना’, लेकिन यह एक शाब्दिक अर्थ है। व्यवहारिक तौर पर तो जिहाद का मतलब है, आतंक फैलाना, दंगे करना और मासूम लोगों को अपनी क्रूरता के बल पर मौत के घाट उतार देना है.
हाल के दिनों में कभी रोटी पर थूकने का वीडियो, कभी पानी में थूकने का वीडियो तो कभी शादियों में परोसे जाने वाले खाने में थूकने का वीडियो वायरल हो रहा है..,यहां तक की अब तो सैलून में भी थूक जिहाद के वीडियो वायरल हो रहे हैं. रेस्टोरेंट से लेकर ठेले पर बेचने वाले हर रोज इस तरह की घृणित मानसिकता से भरी कारगुज़ारियां कर रहे हैं।
आपको जानकार हैरानी होगी की फलों के व्यापार से लेकर सब्जी मंडियों में भी 70 फीसदी से ज्यादा समुदाय विशेष का कब्ज़ा हो चुका है, बेकरी में इस समुदाय विशेष का पहले से ही दबदबा था , इधर कुछ मामलों में थूक वाले वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है , लेकिन ये गिरफ्तारियां काफी नहीं है, सवाल ये है कि आखिर ये लोग ऐसी हरकत क्यों करते हैं, सच कहा जाए तो संविधान की दुहाई देते और विक्टिम कार्ड खेलने वाले ये लोग असल में देश के संविधान को मानते ही नहीं, ये शरीयत को ही अपना कानून मानते हैं,
सोशल मीडिया पर हर दूसरे तीसरे दिन ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं. इस कुकृत्य को लेकर हिंदु समाज में काफी रोष है इसे बेहद शर्मनाक और सांप्रदायिक सद्भाव के साथ खिलवाड़ करने का मामला बताया जा रहा है.
वहीं ऐसे लोगों के हिमायती भी कम नहीं है , वे लोग खाने में थूकने की हरकतों का बचाव करते इन सबके पीछे एक अलग ही कहानी गढ़ देते हैं, इनका कहना है कि कोई भी भोजन या चपातियों में नहीं थूकता है। कभी–कभी रसोइया बचे हुए सूखे आटा ब्रेड पर फूंक देता है जिससे कि वो तंदूर के अंदर ठीक से चिपक सके। आपको याद होगा कुछ दिनों पहले ऑल्ट न्यूज की टीम ने भोजन पर थूकने को हवा फूंकना बताते हुए इस घिनौने कृत्य को सही बताया था . उन्होंने लिखा, “वीडियो में वास्तव में क्या हो रहा है, यह जानने के लिए हमने एक इस्लामिक विद्वान से संपर्क किया।” विद्वान ने कहा, “इसे ‘फातिहा जलाना’ कहा जाता है। यह खाना पकाने के बाद किया जाता है। भोजन के ऊपर कुरान की कुछ आयतें पढ़ी जाती हैं, ताकि अल्लाह हर तरह की बीमारियों से दूर रखे या उसकी इच्छापूर्ति की लिए होता है। इसलिए कुछ हवा फूंकते हैं और कुछ नहीं।” लेख में यह भी लिखा गया है, “यह फातिहा है, जहां आप कुछ खाना निकालते हैं और अल्लाह से बरकत मांगते हैं।” साथ ही इनका कहना है कि इस्लाम में ‘बुरी आत्मा’ या ‘शैतान’ को भगाने करने के लिए थूका जाता है. वही खाने में थूकने के पीछे इनका एक और तर्क ये हैं कि हम अपने बड़ों और मौलानाओं का सम्मान करते हैं और थाली से बचा हुआ खाना खुशी-खुशी खाते हैं। हमारा मज़हब हमें खाना बर्बाद करना नहीं सिखाता है।”, लेकिन इन्हें कौन समझाएं कि अन्न का अनादर तो किसी भी धर्म में नहीं सिखाया जाता…
दरअसल जिहाद के नाम पर इन लोगों का इस तरह से ब्रेन वाश किया जाता है इन्हें बताया जाता है कि इनका दीन खतरे में है, उसकी हिफाज़त के लिए अल्लाह ने तुम्हें चुना है तुम्हें इस काबिल बनाया है, तुम्हें इसके बदले जन्नत नसीब होगी, बस क्या यही से शुरू होता है इनका कुकृत्य …
दरअसल जिहाद को लेकर यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई मामलों में कट्टरपंथियों की घिनौनी हरकत सामने आ चुकी है। हिन्दुओं पर प्रहार करना और आतंक को बढ़ावा देना कट्टरपंथियों को खूब रास आता है.
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