कांग्रेस के तुष्टीकरण का इतिहास काफी पुराना है. जो रह-रह कर सामने आ ही जाता है. कांग्रेस पार्टी को देश की जनता ने भले ही नकार दिया है बावजूद इसके कांग्रेस का लगाव एक खास समुदाय वालों से छूट ही नहीं पा रहा है. इसी कड़ी में कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति एक बार फिर सामने आयी है.

दरअसल गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने एक वर्ग विशेष को लेकर पार्टी की नीति बताने की कोशिश की है . दो दिन पहले जगदीश ठाकोर ने देश के खजाने पर पहला हक अल्पसंख्यकों का बताया था। मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के तहत दिए गए इस बयान का अब विरोध शुरू हो गया है। जिसके बाद 21 जुलाई को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अहमदाबाद स्थित कांग्रेस कार्यालय पर ‘हज हाउस’ लिख दिया। कांग्रेस दफ्तर पर हरे रंग के बैनर और स्टीकर भी चिपकाए। इन पर ‘हज हाउस’ लिखा था। ऐसा ही स्टीकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा पर भी चिपका दिया। साथ ही ऑफिस के बाहर लगे कांग्रेस नेताओं के पोस्टर्स पर कालिख भी पोत दी गई है।

फोटो साभार: @dave_janak

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ठाकोर ने अहमदाबाद में आयोजित सद्भावना सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि देश की तिजोरी और संपत्ति पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है। ठाकोर ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान का भी जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि ”इस देश के प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) कहा करते थे कि भारत के खजाने पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है। इस देश के कांग्रेसी प्रधानमंत्री डंके की चोट पर ये बात कर रहे थे। कांग्रेस ये जानती है कि ऐसा कहने से कितना नुकसान हुआ।”

ठाकोर ने आने वाले चुनाव में मुस्लिम समुदाय से कांग्रेस का समर्थन करने की मांग करते हुए कहा कि वे पार्टी नेतृत्व से मांग करेंगे कि मुसलमानों के लिए भी घोषणा-पत्र जारी किया जाए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस हमेशा अल्पसंख्यकों के साथ खड़ी है और अपनी विचारधारा कभी नहीं बदलेगी, चाहे वह सत्ता में रहे या नहीं।”

इतना ही नहीं उन्होंने गुजरात के मुसलमानों को घर देने का वादा करते हुए कहा कि “अहमदाबाद में जहां भी अल्पसंख्यक इलाकों में झुग्गियां हैं उनका नाम लिखिए और कांग्रेस की सरकार लाइए। एक साल के भीतर कांग्रेस 10 माले की बिल्डिंग में कमरे के साथ रसोई भी उपलब्ध कराएगी।”

बता दें आपको गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिसे लेकर तमाम सियासी पार्टियां अभी से जोर-आजमाइश में जुट गई है. लेकिन कांग्रेस हर बार की तरह इस बार भी तुष्टिकरण के मोह को छोड़ नहीं पा रही है और गुजरात की सत्ता हासिल करने के लिए एक बार फिर अल्पसंख्यकों को खुश करने की कोशिश में लगी हुई है.

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